Vice President Election: राधाकृष्णन क्यों रखा उपराष्ट्रपति का नाम, मां ने सुनाई कहानी

Vivek Kumar   | ANI
Published : Sep 10, 2025, 05:16 PM IST
CP Radhakrishnan Mother Janaki Ammal

सार

नए उपराष्ट्रपति चुने गए सीपी राधाकृष्णन की मां जानकी अम्मल ने बताया है कि उन्होंने अपने बेटे का नाम राधाकृष्णन क्यों रखा है। उन्होंने कहा कि 62 साल बाद उनके पति द्वारा कही गई बात सच हुई है। इससे वह बहुत खुश हैं।

Vice President CP Radhakrishnan: उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में मंगलवार को एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन को बड़ी जीत मिली। वह भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुने गए। राधाकृष्णन राज्यसभा के सभापति भी होंगे। सीपी राधाकृष्णन की मां जानकी अम्मल ने उनके नाम के पीछे की अनोखी कहानी शेयर की है।

राष्ट्रपति राधाकृष्णन के नाम पर मां ने रखा नाम

न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए जानकी अम्मल ने कहा, "जब मेरे बेटे का जन्म हुआ राधाकृष्णन राष्ट्रपति थे। वह पहले शिक्षक थे। मैं भी शिक्षक थी। मैंने अपने बेटे का नाम उनके नाम पर रखा। उस समय मेरे पति ने मेरी तरफ देखा और पूछा क्या तुम यह नाम इसलिए रख रही क्योंकि चाहती हो कि तुम्हारा बेटा एक दिन राष्ट्रपति बने? 62 साल बाद, मेरे पति ने जो कहा आज सच हो गया है। मैं इसके लिए बहुत खुश हूं।"

सीपी राधाकृष्णन ने 152 वोट से जीता उपराष्ट्रपति चुनाव

उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी दलों के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला हुआ। राधाकृष्णन ने यह चुनाव 152 वोटों के अंतर से जीता। उन्हें चुनाव जीतने के लिए 391 वोटों की जरूरत थी। विपक्षी सांसदों द्वारा की गई क्रॉस वोटिंग के चलते राधाकृष्णन 452 वोट पाने में सफल हुए। रेड्डी को 300 वोट मिले। विपक्ष के 315 सांसदों ने वोट दिया।

सीपी राधाकृष्णन कौन हैं?

मृदुभाषी और स्वभाव से गैर-टकराववादी राधाकृष्णन भाजपा के सीनियर नेता हैं। लोग उन्हें "पचाई तमीजान" भी कहते हैं। उपराष्ट्रपति चुनाव में नामांकन से पहले वे महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। राधाकृष्णन की राजनीतिक यात्रा 1970 के दशक में शुरू हुई थी। वे किशोरावस्था में ही भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए थे। 1974 तक जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बन गए थे। वह पश्चिमी तमिलनाडु में सामाजिक और आर्थिक रूप से प्रभावशाली कोंगु वेल्लालर गौंडर समुदाय से हैं। तमिलनाडु में भाजपा के संगठनात्मक स्तंभ माने जाते हैं।

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राधाकृष्णन 1996 में भाजपा के तमिलनाडु सचिव बने। उन्होंने 2003 से 2006 के बीच तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में उनके राष्ट्रीय राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। वे कोयंबटूर से दो बार लोकसभा के लिए चुने गए।

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