सत्तारूढ़ भाजपा से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच काफी दिनों से तल्खी है। लेकिन सुश्री बनर्जी ने हाल ही में धनखड़ और भाजपा के पूर्वोत्तर रणनीतिकार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की थी। इसके मुलाकात के बाद टीएमसी ने मतदान से दूर रहने का फैसला किया।
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President Election 2022) में संयुक्त विपक्ष की प्रत्याशी मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) का समर्थन नहीं करने के टीएमसी (TMC) के ऐलान से खलबली मची हुई है। एनडीए कैंडिडेट जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) की कट्टर विरोधी टीएमसी का अचानक से विपक्ष से अलग होने से धनखड़ खेमे में राहत है। उधर, संयुक्त विपक्षी प्रत्याशी मार्गरेट अल्वा ने टीएमसी के वोटिंग से दूर रहने के ऐलान की आलोचना की है। अल्वा ने एक ट्वीट में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी से कहा कि उपराष्ट्रपति का चुनाव किसी बात, अहंकार या गुस्से का समय नहीं है। ममता बनर्जी साहस की प्रतीक हैं और उनको विपक्ष के साथ खड़े रहना चाहिए।
ट्वीट में क्या लिखा मार्गरेट अल्वा ने?
मार्गरेट अल्वा ने ट्वीट किया कि टीएमसी का उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने का निर्णय निराशाजनक है। यह 'क्या बात'हुई। यह अहंकार या गुस्से का समय नहीं है। यह साहस, नेतृत्व और एकता का समय है। मेरा मानना है कि ममता बनर्जी, जो हैं साहस की प्रतीक हैं, विपक्ष के साथ खड़ी रहेंगी।
ममता बनर्जी व धनखड़ के बीच हिमंत बिस्वा ने कराई मुलाकात
सत्तारूढ़ भाजपा से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल के बीच काफी दिनों से तल्खी है। लेकिन सुश्री बनर्जी ने हाल ही में धनखड़ और भाजपा के पूर्वोत्तर रणनीतिकार असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से मुलाकात की थी। इसके मुलाकात के बाद टीएमसी ने मतदान से दूर रहने का फैसला किया। मतदान से दूर रहने के फैसले के साथ, तृणमूल कांग्रेस ने विपक्षी एकता को ताजा झटका दिया है।
उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी एकता पर किया कटाक्ष
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने विपक्षी दलों के बीच एकता की तुलना ग्रीक पौराणिक चरित्र 'चिमेरा' से की है, जिसका अर्थ एक असंभव विचार या आशा भी है। उन्होंने कहा कि अंततः राजनीतिक दल वही करेंगे जो उनके हित में होगा। उमर अब्दुलला ने कहा कि विपक्षी एकता एक कल्पना है। अंततः राजनीतिक दल वही करेंगे जो उनके हित में होगा और जैसा होना चाहिए। जम्मू और कश्मीर ने इसे तब देखा जब 2019 में 'दोस्तों' द्वारा हमें अकेला ही छोड़ दिया गया था।
टीएमसी ने सुनाया अपना निर्णय
ममता बनर्जी के भतीजे अभिजीत बनर्जी ने कहा था कि पार्टी ने सर्वसम्मति से श्री धनखड़ या सुश्री अल्वा का समर्थन नहीं करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एनडीए (भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के उम्मीदवार को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता। जिस तरह से विपक्षी उम्मीदवार का फैसला बिना उचित परामर्श और विचार-विमर्श के एक पार्टी के साथ किया गया, जिसके दोनों सदनों में 35 सांसद हैं। हमने सर्वसम्मति से फैसला किया है कि मतदान प्रक्रिया से दूर रहेंगे।
ममता बनर्जी पर लग रहे आरोप
उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ की पदोन्नति उन्हें पश्चिम बंगाल से बाहर दिल्ली ले जाएगी। कहा जा रहा है कि यह बनर्जी के लिए, यह एक बहुत बड़ी जीत है। मुख्यमंत्री और श्री धनखड़ ने पिछले तीन वर्षों में लगातार संघर्ष हो रहा है। दोनों एक दूसरे के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं। सुश्री बनर्जी ने राज्यपाल पर केंद्र में भाजपा के कहने पर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाया था। ऐसे में कहा जा रहा है कि बीजेपी ने धनखड़ को उप राष्ट्रपति बनाकर दिल्ली भेजने के फैसले को लेकर ममता बनर्जी से वोटिंग से बाहर रहने की शर्त रखी होगी।
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