अग्निपथ पर युवाओं के गुस्से से रेलवे को हुआ 259.44 करोड़ का नुकसान, 7 दिन में 2132 ट्रेन हुई थी रद्द

अग्निपथ योजना को लागू करने के बाद युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया। युवाओं के इस योजना के विरोध के चलते पूरे देश में सैकड़ों ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। युवकों के विरोध के चलते सरकार ने भर्ती योजना में कई संशोधन भी किए लेकिन इसके प्रति गुस्सा कम नहीं हो रहा है।

नई दिल्ली। अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का पूरे देश में जबर्दस्त विरोध हुआ है। युवाओं के इस योजना के आक्रोश के चलते पूरे देश में 2000 से अधिक ट्रेनें महज एक हफ्ते में कैंसिल की गई थीं। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने शुक्रवार को संसद में बताया कि अग्निपथ योजना के विरोध के चलते 2132 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था। राज्यसभा में एक लिखित जवाब में उन्होंने कहा कि 15 जून से 23 जून के बीच 2132 ट्रेनें रद्द की गईं।

रेलवे के पास विरोध के चलते नुकसान का डेटा नहीं

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रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू करने के बाद हुए आंदोलन के परिणामस्वरूप सार्वजनिक अव्यवस्था के कारण रेल सेवाओं के बाधित होने के कारण यात्रियों को कितनी राशि दी गई इसका कोई डेटा अलग से उपलब्ध नहीं है। हालांकि, 14.06.2022 से 30.06.2022 की अवधि के दौरान, ट्रेनों के रद्द होने और अग्निपथ योजना के खिलाफ आंदोलन में रेलवे संपत्ति के नुकसान / विनाश के कारण 259.44 करोड़ रुपये के नुकसान के कारण लगभग 102.96 करोड़ का कुल रिफंड दिया गया था। अग्निपथ योजना के कारण रद्द की गई सभी प्रभावित ट्रेन सेवाओं को बहाल कर दिया गया है।

देश के विभिन्न हिस्सों में हुआ अग्निपथ योजना का विरोध

हाल ही में शुरू की गई अग्निपथ योजना के खिलाफ देश के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था। ठेके पर सेना में भर्ती को लेकर युवाओं का आक्रोश सड़कों पर आ गया था। विभिन्न राज्यों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। बिहार से तेलंगाना तक रेलवे संपत्तियों में तोड़फोड़ की गई, आग लगा दी गई या हमला किया गया। युवाओं ने सड़कों पर उग्र प्रदर्शन किया, सरकारी संपत्तियों में तोड़फोड़ की थी। सबसे बुरी तरह प्रभावित पूर्व मध्य रेलवे - बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में व्यापक विरोध देखा गया। इस हिंसा में तेलंगाना के एक युवक की पुलिस की गोली लगने से मौत भी हो गई थी। हालांकि, युवाओं के गुस्से व विरोध को देखते हुए योजना के ऐलान के बाद सरकार ने ताबड़तोड़ कई संशोधन भी जारी किए लेकिन आक्रोश कम नहीं हुआ। 

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