ICICI बैंक लोन फ्रॉड केस: CBI ने वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार किया

सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में हुई है। शुक्रवार को सीबीआई ने इस केस में ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति को गिरफ्तार किया था। 

नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक लोन धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने सोमवार को वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को गिरफ्तार कर लिया। 71 साल के वेणुगोपाल धूत को मुंबई से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले सीबीआई ने शुक्रवार रात को ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने वेणुगोपाल धूत, चंदा कोचर और दीपक कोचर को मुंबई स्थित सीबीआई कोर्ट में पेश किया है।

चंदा और दीपक कोचर पर वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंक द्वारा स्वीकृत लोन के मामले में धोखाधड़ी और अनियमितताएं करने का आरोप लगा है। दोनों को सीबीआई ने पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। CBI ने शनिवार को कोर्ट को बताया था कि दोनों ने जांच के दौरान सहयोग नहीं किया और इसलिए उन्हें गिरफ्तार किया गया। सीबीआई की मांग पर कोर्ट ने दोनों को तीन दिन की हिरासत में भेजा था। आज उनकी हिरासत की अवधी पूरी हो रही है।

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आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार का लगा है आरोप
चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सीबीआई अधिकारियों ने 2012 में आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन ग्रुप को स्वीकृत लोन में कथित धोखाधड़ी और अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने इस मामले में 2019 में केस दर्ज किया था। जांच एजेंसी ने चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के साथ-साथ नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज FIR में आरोपी बनाया था। 

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि आईसीआईसीआई बैंक ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई की गाइडलाइन्स और बैंक की क्रेडिट नीति का उल्लंघन करते हुए वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 3,250 करोड़ रुपए लोन स्वीकृत किया था। वेणुगोपाल धूत ने लोन मिलने के बाद नूपावर में करोड़ों रुपए का निवेश किया।

चंदा कोचर पर यह है आरोप
आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने बैंक नियमों को दरकिनार कर वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को दिया था। बैंक से धूत की कंपनी वीडियोकॉन कंपनी केा 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया। यह लोन 2012 में पास किया गया था। आरोप है कि इस लोन के बदले वीडियोकॉन कंपनी के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी को लाभ पहुंचाया। एक दूसरे को लाभ पहुंचाने के क्रम में धूत ने दीपक कोचर की आल्टरनेविट इनर्जी कंपनी नूपावर में इन्वेस्ट किया।

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कैसे हुआ खुलासा?
दरअसल, वीडियोकॉन कंपनी के एक शेयरहोल्डर अरविंद गुप्ता ने पीएमओ, रिजर्व बैंक और सेबी को लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। अरविंद गुप्ता ने कोचर दंपत्ति और वीडियोकॉन कंपनी के चेयरमैन के एक दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। इन आरोपों के बाद साल 2018 में चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ और एमडी के पद से इस्तीफा दे दिया था।

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