दिल्ली के नए उप राज्यपाल होंगे विनय कुमार सक्सेना, ब्यूरोक्रेट नहीं अब कॉरपोरेट वर्ल्ड की शख्सियत के हाथ कमान

दिल्ली में उप राज्यपाल की नियुक्त कर दी गई है। उपराज्यपाल को लेकर दिल्ली में हमेशा से आम आदमी पार्टी की सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार के बीच टकराहट होती रहती रही है। कुछ दिनों पूर्व ही केंद्र सरकार ने एक अध्यादेश लाकर उप राज्यपाल की शक्तियों में काफी बढ़ोतरी कर दी थी। 

नई दिल्ली। दिल्ली को अपना नया उपराज्यपाल मिल गया है। विनय कुमार सक्सेना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के नए उपराज्यपाल होंगे। दिल्ली में एलजी का पद कुछ दिनों से रिक्त था। तत्कालीन उप राज्यपाल अनिल बैजल ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। नवनियुक्त उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्र सरकार में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष थे। 

राष्ट्रपति कार्यालय से एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत के राष्ट्रपति को विनय कुमार सक्सेना को उनके पदभार ग्रहण करने की तारीख से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली का उपराज्यपाल नियुक्त करने में प्रसन्नता हो रही है।

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नजीब जंग के बाद अनिल बैजल ने संभाला था पद

एक सेवानिवृत्त सिविल सेवक बैजल ने अपने पूर्ववर्ती नजीब जंग के अचानक इस्तीफे के बाद दिसंबर 2016 में उपराज्यपाल के रूप में पदभार संभाला था। अनिल बैजल ने भी बीते दिनों अचानक इस्तीफा दे दिया। 

बिजनेस वर्ल्ड के व्यक्ति को बनाया एलजी

विनय कुमार सक्सेना, बिजनेस वर्ल्ड से ताल्लुक रखते हैं। इसके पहले अभी तक दिल्ली में उप राज्यपाल के पद पर रिटायर्ड आईएएस या आईपीएस को ही नियुक्त किया जाता रहा। कॉरपोरेट से लेकर एनजीओ क्षेत्र में काम कर चुके विनय कुमार सक्सेना मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष बनाए गए थे। उनकी नियुक्ति 27 अक्टूबर 2015 को हुई थी। मूल रूप से यूपी के रहने वाले सक्सेना का जन्म 23 मार्च 1958 हुआ था। कानपुर विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले विनय कुमार सक्सेना पायलट की ट्रेनिंग भी ले चुके हैं। सक्सेना को खादी को ब्रांड बनाने का भी श्रेय है। 

छोटे से पद से शुरू किया था करियर

विनय कुमार सक्सेना ने राजस्थान में जेके ग्रुप के सहायक अधिकारी करियर को शुरू किया। इसके बाद वह सीमेंट प्लांट में 11 साल तक काम करने के बाद 1995 में गुजरात बंदरगाह परियोजना में जनरल मैनेजर के रूप में कार्य किया। इस कंपनी में वह सीईओ तक बने। इसके बाद धोलर पोर्ट प्रोजेक्ट के डॉयरेक्टर बनाए गए। अक्टूबर 2015 में सक्सेना को खादी विकास और ग्रामोद्योग आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।

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