भारत में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच इस महामारी से मरने वाले लोगों के शव को जलाने की मांग की गई है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार ने मांग की है कि कोरोना वायरस से मरने वाले व्यक्ति का धर्म नजरअंदाज करते हुए उसके शव को जलाया जाना चाहिए।
नई दिल्ली. भारत में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों के बीच इस महामारी से मरने वाले लोगों के शव को जलाने की मांग की गई है। विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष अलोक कुमार ने मांग की है कि कोरोना वायरस से मरने वाले व्यक्ति का धर्म नजरअंदाज करते हुए उसके शव को जलाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने तबलीगी जमात में शामिल होने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अलोक कुमार ने तबलीगी जमात की घटना को शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए अलोक शर्मा ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना के खिलाफ यह जंग लड़ी जा रही है और ऐसी घटनाएं हमारी हार की वजह बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम अपने धर्म के लोगों के शव को दफनाने की जिद पर अड़े हैं।
बृहन्मुंबई नगर निगम में दिया गया था शव जलाने का आदेश
बृहन्मुंबई नगर निगम के आयुक्त प्रवीण परदेशी ने एक परिपत्र जारी कर सभी शवों को जलाने की बात कही थी। जिसके बाद राज्य सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप किया और इसमें बदलाव किया गया। धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करने की बजाय हर धर्म के लोगों के शव को जलाने को लेकर नवाब मलिक जैसे नेताओं ने आलोचना की थी। उनके अलावा ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तिहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैशी ने भी इसकी आलोचना की थी। नवाब मलिक भी मौजूदा महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक विकास मंत्री हैं और सरकार उनकी बात पर जल्द ही सहमत हो गई, जिसके बाद प्रवीण परदेशी के परिपत्र को बदल दिया गया।