केरल पुलिस द्वारा एक दिन पहले हुई हिंसा के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के बाद तिरुवनंतपुरम के विझिंजम में अडानी बंदरगाह के निर्माण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने रविवार रात तिरुवनंतपुरम में स्थानीय पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया। इसके बाद से तनाव की स्थिति बन गई।
तिरुवनंतपुरम(Thiruvananthapuram). केरल पुलिस द्वारा एक दिन पहले हुई हिंसा के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने के बाद तिरुवनंतपुरम के विझिंजम में अडानी बंदरगाह के निर्माण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने रविवार रात तिरुवनंतपुरम में स्थानीय पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया। इसके बाद से तनाव की स्थिति बन गई। लिहाजा पुलिस को हिंसा पर आमादा भीड़ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी पड़ी। जानिए पूरा मामला...
रविवार को हुई झड़प में 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। घायल पुलिसकर्मियों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। भीड़ ने स्थानीय मीडियाकर्मियों के साथ भी मारपीट की गई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की चार जीपों और एक मिनीवैन को क्षतिग्रस्त कर दिया। प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। जिला कलक्टेर को मौके पर पहुंचना पड़ा। हमले के बाद शहर के पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारियों सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विझिंजम पुलिस थाने पहुंचे। इससे पहले कम से कम 50 लैटिन महाधर्मप्रांत के पुजारियों(जिनमें आर्कबिशप डॉ थॉमस जे नेटो और सहायक बिशप क्रिस्टुराज भी शामिल थे) को केरल पुलिस ने शनिवार को बंदरगाह विरोधी विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद बुक किया था।
शनिवार को विझिंजम में तनाव बहुत अधिक था, क्योंकि तटीय निवासियों ने बंदरगाह निर्माण को फिर से शुरू करने के अडानी समूह के प्रयास को रोक दिया था। परियोजना के समर्थक और विरोधी आपस में भिड़ गए। प्रदर्शनकारियों ने निर्माण सामग्री ले जा रहे 27 ट्रकों को रोका; वे वाहनों के आगे लेट गए। कड़े विरोध के कारण निर्माण सामग्री के साथ आए लॉरी परियोजना क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सके और उन्हें वापस लौटना पड़ा। यह विरोध निर्माण कार्य के लिए पुलिस सुरक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने वाले अदालती आदेश के बावजूद है।
लैटिन कैथोलिक चर्च के नेतृत्व में हिंसक आंदोलनकारियों की भीड़ द्वारा विझिंजम पुलिस थाने पर किए गए हमले के बाद जिला प्रशासन द्वारा बुलाई गई सुलह बैठक रविवार देर रात तक चली। चर्च के अधिकारियों ने बिना कोई परेशानी पैदा किए प्रदर्शनकारियों के हटने पर सहमति जताई। जिला कलेक्टर द्वारा बुलाई गई बैठक और शहर के पुलिस कमिश्नर और जिले के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने चर्च के अधिकारियों के साथ भाग लिया। एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) एम आर अजित कुमार ने मीडिया को बताया कि रविवार शाम थाने में तोड़फोड़ करने वाली भीड़ के हमले में घायल हुए करीब 36 पुलिस अधिकारियों को शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
उन्होंने बताया"शाम को पुलिस स्टेशन पर भीड़ जमा हो गई और एक अन्य मामले में गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों की रिहाई की मांग की। उन्होंने पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ की और अधिकारियों पर हमला किया। एक एसआई के पैर में फ्रैक्चर हुआ है। ऐसा लगता है कि उसे ईंट से मारा गया है।"
बताया जाता है कि भीड़ ने डंडों और ईंटों से पुलिस स्टेशन को निशाना बनाया और 26 नवंबर को हिंसक विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किए जाने और कुछ अन्य को हिरासत में लिए जाने के बाद पुलिस अधिकारियों पर हमला किया। हमले में कुछ पुलिस अधिकारियों के सिर में गंभीर चोटें आई हैं।
इस बीच, प्रदर्शनकारियों की ओर से सुलह बैठक में शामिल हुए फादर यूजीन परेरा ने मीडिया को बताया कि क्षेत्र में इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारी जनता को कोई परेशानी पैदा किए बिना हट जाएंगे। बातचीत में फैसला लिया गया कि जो लोग आस-पास के इलाकों में जमा हुए हैं, वे जनता के लिए कोई परेशानी पैदा किए बिना चले जाएंगे। हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि शेडो पुलिस ने बिना कुछ बताए पांच लोगों को पकड़ लिया था, जिससे स्थानीय लोग भड़क गए। इस बीच, एडीजी कुमार ने कहा कि क्षेत्र में लगभग 600 पुलिसकर्मी पहले से ही तैनात थे और उनमें लगभग 300 और जोड़े गए थे।
कुमार ने कहा, "पिछले 120 दिनों से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन जारी है। हमने अधिकतम संयम दिखाया है। लेकिन रविवार को भीड़ ने पुलिस स्टेशन पर तोड़फोड़ की और अधिकारियों पर हमला किया।" क्षेत्र में व्याप्त संवेदनशील स्थिति को देखते हुए केरल सरकार ने अन्य जिलों से भी अधिक पुलिस अधिकारियों को तैनात किया है। प्रदर्शनकारियों ने मौके पर मौजूद मीडियाकर्मियों पर भी हमला किया।
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