बीजू जनता दल की ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार के बाद वीके पांडियान ने ऐलान किया कि वह सक्रिय राजनीति छोड़ रहे हैं।
VK Pandiyan quits Politics: ओडिशा के आउट गोइंग सीएम नवीन पटनायक के खास, ब्यूरोक्रेट से राजनेता बने वीके पांडियान ने सक्रिय राजनीति से तौबा कर लिया है। वीके पांडियान ने राजनीति छोड़ने का ऐलान कर दिया है। बीजू जनता दल की ओडिशा विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार के बाद वीके पांडियान ने ऐलान किया कि वह सक्रिय राजनीति छोड़ रहे हैं। सिविल सेवा छोड़कर आईएएस वीके पांडियान ने बीजद ज्वाइन किया था। पांडियान की गिनती नवीन पटनायक के सबसे खासमखास अधिकारी के रूप में होती रही है।
ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी रहे वीके पांडियान ने नवम्बर 2023 में वीआरएस ली थी। वीआरएस लेने के बाद वह नवीन पटनायक के सहयोगी के तौर पर जुड़ गए थे। बीजू जनता दल के सेकेंड मैन की तरह वह ओडिशा विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव संचालित करते हुए दिखे थे। बीजेपी ने वीके पांडियान को निशाना भी बनाया था। पीएम मोदी और अमित शाह ने अपने भाषणों में उन पर कटाक्ष करते हुए ओडिशा का प्रतिनिधित्व छीनने का आरोप लगाया था। दरअसल, पांडियान मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं।
वीडियो संदेश जारी कर बताया निर्णय
वीके पांडियन ने एक वीडियो संदेश जारी किया है। वीडियो मैसेज में उन्होंने कहा कि वह एक साधारण परिवार और छोटे से गांव से आते हैं। उनका बचपन का सपना आईएएस में शामिल होकर लोगों की सेवा करना था। पांडियन ने कहा: जिस दिन से मैंने ओडिशा की धरती पर कदम रखा, मुझे ओडिशा के लोगों से अपार प्यार और स्नेह मिला है।
पूर्व आईएएस ने कहा कि उन्होंने पूरे राज्य के लोगों के लिए कड़ी मेहनत करने की कोशिश की है। नवीन पटनायक के लिए काम करना सम्मान की बात है, अगर बीजद सत्ता में लौटती तो वह देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बन जाते। पांडियान ने कहा: मुझे जो अनुभव और सीख मिली है, वह जीवन भर के लिए है। उनकी कृपा, नेतृत्व, नैतिकता और सबसे बढ़कर ओडिशा के लोगों के प्रति उनके प्यार ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। मुझसे उनकी अपेक्षा थी कि मैं ओडिशा के लिए उनके विजन को लागू करूं और हमने स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, बंदरगाहों, निवेश, महिला सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचे और मंदिर और विरासत परियोजनाओं में कई मील के पत्थर सफलतापूर्वक पार किए।
पांडियन ने कहा कि उन्होंने आईएएस छोड़ दी और अपने गुरु नवीन पटनायक की सहायता के लिए बीजद में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि उनका एकमात्र इरादा उनकी मदद करना था, जैसा कि कोई भी अपने गुरु और परिवार के लिए करता है। मैं कुछ धारणाओं और कथाओं को सही करना चाहता हूं। शायद, यह मेरी कमी रही है कि मैं पिछली बार इनमें से कुछ राजनीतिक कथाओं का प्रभावी ढंग से मुकाबला नहीं कर पाया। मैं दोहराता हूं कि मैं अपने गुरु नवीन पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया था और मुझे किसी विशेष राजनीतिक पद या शक्ति की कोई इच्छा नहीं थी। इसलिए मैं न तो उम्मीदवार था और न ही मैं बीजू जनता दल में किसी पद पर था।
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