
Waqf Amendment Bill 2024: लोकसभा में बुधवार 2 अप्रैल को वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश किया जाएगा। इस पर बहस के लिए 8 घंटे का समय रखा गया है। NDA के सबसे बड़े सहयोगी दलों में से चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बिल को समर्थन देने के ऐलान किया है। क्या है वक्फ संशोधन बिल, इसे पहली बार कब पेश किया गया और इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ? जानते हैं।
इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को कहते हैं, जो अल्लाह के नाम पर दान कर दी जाती है। एक बार संपत्ति वक्फ हो गई तो फिर उसे मालिक वापस नहीं ले सकता है। ये दान पैसे, जमीन या संपत्ति का हो सकता है। इस्लाम में किसी इंसान का धर्म के लिए किया गया किसी भी तरह का दान वक्फ कहलाता है। 1954 में 'वक्फ एक्ट' के नाम से कानून बनाकर सेंट्रल वक्फ काउंसिल बनाई गई। इसके एक साल बाद 1955 में इस कानून में बदलाव कर हर राज्य में वक्फ बोर्ड बना दिए गए। फिलहाल देशभर में 32 वक्फ बोर्ड हैं, जो वक्फ प्रॉपर्टीज का रजिस्ट्रेशन और हिसाब-किताब रखते हैं। 1954 के इसी कानून में बदलाव के लिए सरकार अब 'वक्फ संशोधन बिल' लाई है।
वक्फ संसोधन बिल सबसे पहले 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया गया। इसके खिलाफ देशभर में धरना-प्रदर्शन हुए। इसके बाद बिल के ड्राफ्ट को संसद की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेज दिया गया।
संयुक्त संसदीय समिति ने बिल के ड्राफ्ट को मंजूरी देकर JPC में शामिल NDA सांसदों के सुझाए 14 संशोधनों को स्वीकार किया। वहीं, विपक्षी सांसदों के संशोधनों को खारिज कर दिया।
13 फरवरी 2025 को JPC की रिपोर्ट संसद में पेश की गई।
19 फरवरी को कैबिनेट की बैठक में वक्फ संशोधन बिल को मंजूरी मिल गई।-
बुधवार 2 अप्रैल को वक्फ संसोधन बिल को संसद में पेश किया जाना है। इस पर चर्चा के लिए स्पीकर ने 8 घंटे का समय दिया है, जिसके बाद इस पर वोटिंग होगी।