
कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नारा है 'सबका साथ, सबका विकास'। पश्चिम बंगाल के भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने इसे बंद करने की बात की है। अल्पसंख्यकों को लेकर बड़ा बयान देते हुए उन्होंने कहा है कि सबका साथ, सबका विकास बंद कर देना चाहिए। उन्होंने भाजपा के अल्पसंख्यक शाखा को भी खत्म करने की बात की है।
सुवेंदु अधिकारी ने बुधवार को कहा, "हम हिंदुओं और संविधान की रक्षा करेंगे। मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों की बात की। आप सभी ने कहा ‘सबका साथ, सबका विकास’। लेकिन मैं कहूंगा कि यह अब और नहीं। इसके बदले हमें अब कहना चाहिए 'जो हमारे साथ हम उनके साथ'। सबका साथ, सबका विकास बंद करो।"
कोलकाता में लोकसभा चुनाव के बाद राज्य भाजपा की पहली कार्यसमिति की बैठक में अधिकारी ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यक मोर्चा की जरूरत नहीं है।" सुवेंदु अधिकारी ने 'जो हमारे साथ हम उनके साथ' का नारा देकर वजह बनाया जिसके अनुसार ‘सबका साथ, सबका विकास’ बंद करना चाहिए। वह कह रहे थे कि जो लोग हमारे साथ नहीं हैं, जो हमें वोट नहीं देते, हमें उनके विकास की बात नहीं करनी है।
लोकसभा चुनाव 2024 में पश्चिम बंगाल में भाजपा को हुआ है नुकसान
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 में पश्चिम बंगाल में भाजपा को नुकसान हुआ है। 2019 में भाजपा ने 18 सीटें जीती थी। पार्टी को उम्मीद थी राज्य के 42 लोकसभा सीटों में से अधिकतर पर उसके उम्मीदवार जीत जाएंगे, लेकिन हुआ इसके विपरीत। भाजपा को 12 सीटों पर जीत मिली। उसे 6 सीटों का नुकसान हुआ। चुनाव में मिली इस हार के बाद अधिकारी भाजपा नेताओं के एक वर्ग की आलोचना का शिकार थे। करीब 30 सीटों पर उम्मीदवारों के चयन में उनकी भूमिका थी।
यह भी पढ़ें- सिद्धारमैया ने 100% कोटा बिल पर पोस्ट हटाया, मंत्री ने सफाई में कही ये बात
सुकांत मजूमदार ने कहा था टीएमसी नेताओं को जेल में डाल नहीं जीत सकते चुनाव
कुछ दिन पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था कि पार्टी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके और सत्तारूढ़ टीएमसी के नेताओं को जेल में डालकर चुनाव नहीं जीत सकती। 13 जुलाई को मिदनापुर में एक बैठक में मजूमदार ने कहा, "कई बार कार्यकर्ता किसी को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई कार्रवाई की मांग करते हैं। उन्हें लगता है कि इससे चुनाव में जीत तय हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं होगा।"
यह भी पढ़ें- सिंघवी बोले, केजरीवाल कोई आतंकवादी नहीं कि बेल न दी जाए, 29 को होगी अगली सुनवाई