Monsoon Session: संसद में एंटी ट्रैफिकिंग बिल से सरकार की महिला व बच्चों की तस्करी के खिलाफ सबसे बड़ी स्ट्राइक

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार देश में हर दिन आठ के आसपास बच्चे लापता होते हैं। सालाना हजारों बच्चों और महिलाओं के गायब होने के पीछे मानव तस्करी का सबसे बड़ा योगदान है। मानव तस्कर इन बच्चों-बच्चियों व महिलाओं को अवैध तरीके से अन्य जगहों पर बेच देते हैं या अवैध धंधा करवाते हैं। 

नयी दिल्ली। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू हो रहा है। पहले दिन राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग होगी। इस मानसून सत्र में एंटी-ट्रैफिकिंग बिल भी पेश किया जाएगा। बिल के पेश हो जाने के बाद महिलाओं व बच्चों की तस्करी को रोकने और उससे निपटने के लिए कड़े कदम उठाए जा सकेंगे। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार देश में हर दिन आठ बच्चों के आसपास मानव तस्करों के चंगुल में फंस रहे हैं। 

क्या हैं एंटी ट्रैफिकिंग बिल के फायदे?

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लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, व्यक्तियों की तस्करी (संरक्षण, देखभाल और पुनर्वास) विधेयक, 2022 को संसद में विचार और पारित करने के लिए पेश किया जाएगा। ट्रैफिकिंग ऑफ पर्सन्स (प्रीवेंशन, केयर एंड रीहैबिलिटेशन) बिल 2021, ट्रैफिकिंग से संबंधित विभिन्न अपराधों के रोकथाम को सक्षम होगा। यह बिल विभिन्न अपराधों को शामिल करते हुए और इसके  विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देता है। यह कानून ट्रैफिकिंग जैसे संगठित अपराध की कमर तोड़ने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर तीन स्तरीय संस्थागत ढांचों के निर्माण में मदद करेगा। यह अपराध की रोकथाम सुनिश्चित करने हेतु आर्थिक, आपराधिक और सामाजिक प्रतिरोध की क्षमता भी पैदा करता है। यह कानून ट्रैफिकिंग की रोकथाम और पीडि़तों के पुनर्वास और संरक्षण को सुनिश्चित करता है। इस बिल के पास हो जाने से महिलाओं और बच्चों की तस्करी रोकने में मदद मिलेगी।

मानव तस्करों को कम से कम सात साल की सजा

ड्राफ्ट बिल के अनुसार, तस्करी के दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को कम से कम सात साल की कैद हो सकती है, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है। दोषी पर कम से कम एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है जो 5 लाख रुपये तक हो सकता है। अवैध व्यापार के गंभीर रूपों के रूप में वर्गीकृत अपराधों के लिए कड़ी सजा का प्रस्ताव किया गया है।

मानवाधिकार कार्यकर्ता चाहते हैं कि पास हो बिल

देश-विदेश के तमाम मानवाधिकार कार्यकर्ता, मानव तस्करी विरोधी कार्यकर्ता और गैर सरकारी संगठन, संसद में विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराने के लिए लगातार अपील कर रहे हैं।

मानसून सत्र में पास होने की उम्मीद

एंटी ट्रैफिकिंग बिल के इस बार संसद में पास होने की उम्मीद है। सरकार इस बार यह बिल पेश करेगी। संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त तक चलेगा।

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