सार
President Election 2022 राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोटिंग होगी। एनडीए प्रत्याशी के रूप में पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मु मैदान में हैं। वहीं, विपक्ष में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा चुनाव लड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि मुर्मु के पक्ष में 60 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर है।
नई दिल्ली। देश को नए राष्ट्रपति पद (President Election 2022) पर आसीन होने वाला चेहरा साफ हो चुका है। राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए (National Democratic alliance) का आदिवासी महिला कार्ड सफल होता दिख रहा है। एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु (Draupadi Murmu) की जीत का रास्ता करीब-करीब साफ हो चुका है। विपक्ष के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के साथ खड़े आधा दर्जन के आसपास राजनीतिक दल एक-एक कर मुर्मु के साथ आ चुके हैं। आदिवासी वोटबैंक खोने के डर से मुर्म कैंप में पहुंचे विपक्षी दलों के सिन्हा के साथ छोड़ने से संयुक्त विपक्ष की एका में भी दरार आ चुकी है।
बीजेपी का कट्टर विरोध लेकिन करेंगे वोट मुर्म को
महाराष्ट्र में ठाकरे परिवार के राजनीतिक रसूख का वाट लगाने की आरोपी बीजेपी के मुर्म कार्ड से एक बार फिर शिवसेना धराशायी है। दरअसल, शिवसेना 2019 में बीजेपी के साथ अपना गठबंधन तोड़ दी थी। उद्धव ठाकरे की अगुवाई में शिवसेना ने एनसीपी व कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। लेकिन करीब ढाई साल बाद शिवसेना में बगावत हो गई। एकनाथ शिंदे की अगुवाई में शिवसेना के बागियों ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर नई सरकार बना ली। हालांकि, बीते महीने महाराष्ट्र में नया सियासी समीकरण उभरा जिसमें दशकों से अपना रसूख कायम रखने वाला ठाकरे परिवार नहीं है। बाला साहेब ठाकरे के बेटे पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इन सभी घटनाक्रम के लिए बीजेपी को आरोपित करते हैं। लेकिन बीते दिनों अपने सांसदों के खोने के डर से वह एनडीए समर्थिक द्रौपदी मुर्मु के साथ खड़े हैं। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में करीब 10 प्रतिशत आदिवासी आबादी है जो शिवसेना के साथ रही है।
आंध्र प्रदेश में सत्ता व विपक्ष सबका वोट मुर्मु को
शिवसेना के अलावा, आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने 31 सांसदों और 151 विधायकों के साथ मुर्मू को अपना समर्थन देने का वादा किया। चार सांसदों और 23 विधायकों वाली विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) ने भी घोषणा की कि वह एनडीए उम्मीदवार का समर्थन करेगी। जन सेना के एकमात्र विधायक, जो वस्तुतः वाईएसआरसी में शामिल हो गए हैं, भी साथ आ चुके हैं। ऐसे में यहां पक्ष और विपक्ष सब द्रौपदी मुर्मु के साथ खड़े दिख रहे हैं। माना जा रहा है कि आंध्र प्रदेश के सभी वोट मुर्मु के लिए जाएगा।
बीजू जनता दल भी आया साथ
ओडिशा की रहने वाली द्रौपदी मुर्मु को बीजेपी से दूरी बनाए रखने वाले बीजू जनता दल ने भी समर्थन दिया है। द्रौपदी मुर्म, बीजेडी व बीजेपी गठबंधन वाली राज्य सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं। आदिवासी महिला नेत्री का समर्थन न कर बीजेडी के नवीन पटनायक कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं।
इन क्षेत्रीय दलों ने भी दिया समर्थन
बहुजन समाज पार्टी (BSP), अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK), जनता दल (सेक्युलर), शिरोमणि अकाली दल (SAD) जैसे कुछ क्षेत्रीय दलों ने भी NDA को अपना समर्थन दिया है। इसके अलावा यूपी में समाजवादी पार्टी गठबंधन का प्रमुख चेहरा सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने भी मुर्मु के समर्थन का ऐलान किया है। ओडिशा के रायगड़ा जिले से निर्दलीय विधायक मकरंदा मुदुली ने भी मुर्मू को समर्थन देने की पुष्टि की।
मुर्मु को अभी तक इन दलों का समर्थन प्राप्त हो चुका है
- बहुजन समाज पार्टी (बसपा)
- अपना दल सोनेलाल (ADS)
- राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP)
- असम गण परिषद (एजीपी)
- पट्टाली मक्कल काची (पीएमके)
- नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ)
- नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी)
- जननायक जनता पार्टी (JJP)
- यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल)
- जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (JDL)
- मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ)
- निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद)
- नेशनलिस्ट प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपीपी)
- अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू)
- लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास)
- महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे)
- जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCC)
- सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM)
- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM)
- बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ)
- राष्ट्रीय समाज पक्ष (आरएएसपी)
- जन सेना पार्टी (JSP)
- अखिल भारतीय नमाथु राजियम कांग्रेस (एआईएनआरसी)
- हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP)
- यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी)
- पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ)
- महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी)
- हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPDP)
- कुकी पीपुल्स एलायंस (केपीए)
- रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया आठवले (आरपीआई-ए)
- तमिल मनीला कांग्रेस मूपनार (टीएमसी-एम)
- इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी)
- पुरात्ची भारतम काची (PBK)
- शिरोमणि अकाली दल (शिअद)
- जनसत्ता दल लोकतांत्रिक (JSDL)
- सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP)
60 प्रतिशत वोट शेयर मुर्मु के साथ आ चुका
क्षेत्रीय दलों के समर्थन के बाद एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मु की जीत का रास्ता साफ नजर आ रहा है। जानकारों की मानें तो मुर्मु का वोट शेयर अभी तक 60 प्रतिशत को पार कर चुका है। चुनाव के ऐलान के पहले एनडीए के पास 48 प्रतिशत वोट शेयर था लेकिन नामांकन के दिन 50 प्रतिशत तक पहुंच गया।
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