हिंदू मुस्लिम का सवाल नहीं, घुसपैठिए भविष्य को खतरे में डालेंगे, ऐसी थी घुसपैठियों पर अटलजी की राय

इस बार अटल जी की जयंती के बीच देशभर में एनआरसी और नागरिकता कानून पर चर्चा चल रही है। कई हिस्सों में इसका विरोध भी हो रहा है। ऐसे में जानते हैं कि इन मुद्दों पर अटल जी की क्या राय थी।

Asianet News Hindi | Published : Dec 25, 2019 5:41 AM IST / Updated: Dec 25 2019, 05:38 PM IST

नई दिल्ली. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज यानी 25 दिसंबर को जयंती है। तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटलजी वे एक अच्छे राजनेता, कवि, पत्रकार, और प्रखर वक्ता थे। उनका जन्म 1924 में मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था। अटल जी का निधन 16 अगस्त 2018 को हुआ था। 

इस बार अटल जी की जयंती के बीच देशभर में एनआरसी और नागरिकता कानून पर चर्चा चल रही है। कई हिस्सों में इसका विरोध भी हो रहा है। ऐसे में जानते हैं कि इन मुद्दों पर अटल जी की क्या राय थी।

बांग्लादेशी घुसपैठियों का संसद में किया था जिक्र
अटल सरकार ने 2003 में पहली बार नागरिकता संसोधन को कानूनी जामा पहनाया था। वाजपेयी ने 2005 में लोकसभा में बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि पूरब में हमारे पड़ोसी देश से बड़ी संख्या में लोग गैरकानूनी तरीके से आ रहे हैं। सीमा पर कोई उचित प्रबंध नहीं है। अगर ये लोग काम या रोजगार के लिए आएं और वापस चले जाएं तो बात अलग है। ऐसे में उन लोगो के लिए वर्क परमिट का इंतजाम किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसंख्या का स्वरूप बदल रहा है। असंतोष पैदा हो रहा है। तनाव बढ़ रहे हैं, इसलिए उनका आना रोका जाना चाहिए।

'हमारे भविष्य को में डालेगा'
पूर्व पीएम ने एक रैली में कहा था कि यह हिंदू मुस्लिम की बात नहीं है। यह रैली घुसपैठ के विरोध को लेकर ही की गई थी। अटलजी ने कहा था कि यहां बड़ी संख्या में आए लोग चाहते हैं कि उनका आना रुकना चाहिए। ये हमारे भविष्य को खतरे में डालेगा। 

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