Explained: क्या था अनुच्छेद 370 जिसे किया गया निरस्त, 2019 के बाद कैसे बदला कश्मीर

Published : Dec 11, 2023, 01:14 PM ISTUpdated : Dec 11, 2023, 01:16 PM IST
Jammu Kashmir

सार

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले को संवैधानिक बताया है। केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटा दिया था। 

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त करने के केंद्र सरकार के कदम को सही ठहराया है। कोर्ट ने कहा कि 370 अस्थायी था। इसे हटाने का राष्ट्रपति का आदेश बना रहेगा। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को हटा दिया था।

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और धारा 35ए हटाने का फैसला किया था। अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ था। सरकार ने एक राष्ट्रपति अध्यादेश जारी किया, जिसने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के तहत विशेष दर्जा छीन लिया और अनुच्छेद 35ए को निरस्त कर दिया। इसके बाद संसद से जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित किया गया था। इससे राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित किया गया।

अनुच्छेद 370 और 35ए क्या हैं?

अनुच्छेद 370: अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान में किया गया एक अस्थायी प्रावधान था। इसे जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा महाराजा महाराजा हरि सिंह द्वारा 27 अक्टूबर 1947 को साइन किए गए विलय पत्र के चलते संविधान में जोड़ा गया था।

अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर को विशेष संवैधानिक दर्जा दिया गया। इसके अनुसार जो कानून अन्य राज्यों पर लागू होते हैं वे जम्मू-कश्मीर राज्य पर लागू नहीं होते थे। अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर को एक अलग संविधान, एक अलग झंडा और आंतरिक प्रशासनिक स्वायत्तता का अधिकार दिया था। रक्षा, विदेशी मामलों, संचार और सहायक मामलों को छोड़कर अन्य सभी मामलों में संसद को जम्मू-कम्मीर में कानून लागू करने के लिए राज्य सरकार की सहमति लेनी होती थी।

अनुच्छेद 35ए: अनुच्छेद 35ए अनुच्छेद 370 के अंतर्गत आता है। यह कश्मीर के लोगों को विशेष अधिकार देता है। इसे 1954 में जम्मू-कश्मीर संविधान सभा की सिफारिश पर राष्ट्रपति के आदेश के माध्यम से पेश किया गया था। इससे राज्य विधायिका को परिभाषित करने का अधिकार मिला था कि राज्य के 'स्थायी निवासी' कौन हैं। उनके विशेष अधिकार क्या हैं। इसने बाहरी लोगों को राज्य में अचल संपत्ति खरीदने से रोका गया। जो लोग जम्मू-कश्मीर के निवासी नहीं थे वे राज्य में सरकारी नौकरी नहीं पा सकते थे।

5 अगस्त 2019 के बाद क्या बदला?

1-जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म हो गया। उसकी स्थिति भारत के अन्य राज्यों की तरह हो गई। जम्मू-कश्मीर का अलग झंडा, अलग संविधान और अलग राष्ट्रगान खत्म हो गया।

2- जम्मू-कश्मीर के लोगों की दोहरी नागरिकता खत्म हो गई। पहले वे जम्मू-कश्मीर और भारत दोनों के नागरिक थे। आर्टिकल 370 और 35ए हटाने के बाद वे सिर्फ भारत के नागरिक रहे।

3- जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को भारत के संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकार मिले। ये अधिकार उन्हें पहले नहीं मिले थे।

4- संसद द्वारा पारित सभी कानून जम्मू-कश्मीर में लागू होंगे। इनमें सूचना का अधिकार अधिनियम और शिक्षा का अधिकार अधिनियम भी शामिल है।

5- भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) जम्मू-कश्मीर में लागू हो गई। पहले यहां रणबीर दंड संहिता लागू थी।

यह भी पढ़ें- Explained: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 निरस्त करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया क्या फैसला, बहाल होगा राज्य का दर्जा, सितंबर 2024 तक करना है चुनाव

6- देश के किसी भी हिस्से से कोई भी भारतीय नागरिक राज्य में संपत्ति खरीद सकता है। वह राज्य सरकार की नौकरी पा सकता है। उसे छात्रवृत्ति और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है।

यह भी पढ़ें- आर्टिकल 370 पर सुप्रीम फैसला: PM मोदी-गृहमंत्री ने बताया ऐतिहासिक निर्णय, नया कश्मीर का नारा

PREV

Recommended Stories

पीएम मोदी का स्पेशल डिनर: बसों से आए NDA सांसद, हर टेबल पर खास इंतजाम
11 दिसंबर की 10 सबसे खूबसूरत तस्वीरें, देखें मेस्सी के सुनहरे जूतों से लेकर बर्फीली झीलों तक...