क्या है विझिंजम मेगा पोर्ट? क्यों हो रहा विरोध, अडाणी के मेगा पोर्ट से जुड़ी हर वो बात जो आप जानना चाहते हैं

केरल के विझिंजम में अडाणी ग्रुप पिछले कई सालों से एक मेगा पोर्ट (बंदरगाह) बना रहा है, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। अडाणी पोर्ट के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुका है। प्रदर्शकारियों ने रविवार रात विझिंजम थाने पर हमला कर दिया, जिसमें 35 से ज्यादा पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। आखिर क्या है विझिंजम पोर्ट और क्यों हो रहा विरोध?

Vizhinjam Port: केरल के विझिंजम में अडाणी ग्रुप पिछले कई सालों से एक मेगा पोर्ट (बंदरगाह) बना रहा है, जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। अडाणी पोर्ट के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुका है। प्रदर्शकारियों ने रविवार रात विझिंजम थाने पर हमला कर दिया, जिसमें 35 से ज्यादा पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। बता दें कि पिछले 4 महीने से पोर्ट को लेकर विरोध कुछ ज्यादा ही तेज हो गया है, लेकिन रविवार को यह हिंसा में बदल गया। आखिर क्या है विझिंजम मेगा पोर्ट और इसे लेकर स्थानीय लोग क्यों कर रहे हैं विरोध? आइए जानते हैं। 

क्या है विझिंजम मेगा पोर्ट?
विझिंजम मेगा पोर्ट अडाणी ग्रुप का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसे भारत के पहले मेगा ट्रांसशिपमेंट कंटेनर टर्मिनल के रूप में विकसित किया जा रहा है। ये भारतीय उपमहाद्वीप का एकमात्र ट्रांसशिपमेंट हब होगा, जो अंतरराष्ट्रीय शिपिंग मार्गों के सबसे करीब है। खास बात ये है कि ये बंदरगाह भारतीय तटरेखा (कोस्टलाइन) के बीचोंबीच स्थित है। 

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क्यों हो रहा विरोध?
विझिंगम मेगा पोर्ट को लेकर सबसे ज्यादा विरोध स्थानीय मछुआरे कर रहे हैं। पोर्ट के विरोध में मछुआरा समुदाय धरना दे रहा है। इसके विरोध में 120 दिनों से लगातार प्रर्दशन चल रहा है। रविवार को पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जिससे भड़के लोगों ने थाने पर हमला कर दिया।

कब से बन रहा विझिंजम पोर्ट?
बता दें कि अडानी ग्रुप दिसंबर, 2015 से ही यहां मेगा पोर्ट का निर्माण कर रहा है। 2015 में ही यहां के तट को नुकसान पहुंचा था। इसके चलते करीब 50 हजार से ज्यादा मछुआरों की रोजी-रोटी पर भी असर हुआ है। विरोध करने वालों का कहना है कि मेगा पोर्ट बनने से मरीन ईकोसिस्टम पर बुरा असर पड़ रहा है।

कितनी है लागत?
अडानी समूह के मेगा प्रोजेक्ट विझिंगम मेगा पोर्ट की लागत करीब 7500 करोड़ रुपए है। अडानी समूह चाहता है कि सितंबर, 2023 तक पोर्ट के फर्स्ट फेस का काम पूरा हो जाए। वहीं, केरल के पर्यावरणवादियों का कहना है कि अडानी पोर्ट बनने से न केवल तिरुवनंतपुरम के समुद्री तट पर असर होगा बल्कि कोल्लम, अलपुझा, कोच्चि और दूसरे समुद्री तट भी प्रभावित होंगे। 

अडानी के लिए क्यों अहम है ये पोर्ट?
यह पोर्ट एक ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह है, जो श्रीलंका से व्यापार करने के लिए बहुत ही अच्छी जगह पर स्थित है। इसके अलावा इस पोर्ट से सिंगापुर और दुबई से भी व्यापार करना बेहद आसान होगा। बता दें कि ट्रांसशिपमेंट के जरिए कंटेनरों को मुख्य व्यापारिक रास्तों पर मेन लाइन जहाजों से अन्य व्यापार लेन पर छोटे और फीडर जहाजों में ट्रांसफर किया जाता है। 

क्या है पूरा मामला?
विझिंजम में स्थानीय मछुआरे अडानी पोर्ट के काम को रोकने के साथ ही यहां के तटीय कटाव को लेकर स्टडी करने की मांग कर रहे हैं। इनमें स्थानीय निवासी, मछुआरे और लैटिन कैथोलिक लोग शामिल हैं। 120 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कई बार छुटपुट घटनाएं हुईं। लेकिन रविवार 27 नवंबर को विझिंजम पुलिस पर हमला हो गया। बता दें कि लैटिन आर्क बिशप थॉमस जे नेट्टो और अन्य पादरियों समेत 50 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। 

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