क्या है मंकीपॉक्स और कैसे फैलता है ये वायरस, जानें क्यों भारत में मिले चौथे मरीज ने बढ़ाई चिंता

दिल्‍ली में मंकीपॉक्‍स का पहला मामला सामने आ चुका है। पश्चिमी दिल्‍ली में रहने वाला 32 साल का यह शख्स पॉजिटिव पाया गया है। चिंता की बात ये है कि इस मरीज की कोई ट्रेवल हिस्‍ट्री भी नहीं है। आखिर क्या है मंकीपॉक्स और कैसे फैलता है ये वायरस, जानें क्या हैं इसके लक्षण और बचाव। 

Asianet News Hindi | Published : Jul 24, 2022 3:58 PM IST / Updated: Jul 24 2022, 09:29 PM IST

What is Monkeypox: मंकीपॉक्‍स वायरस अब न सिर्फ भारत बल्कि राजधानी दिल्ली में भी पहुंच चुका है। पश्चिमी दिल्‍ली में रहने वाले 32 साल के एक शख्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सबसे डराने वाली बात ये है कि इस मरीज की कोई ट्रेवल हिस्‍ट्री भी नहीं है। ऐसे में ये बात चिंता का विषय बन गई है कि मंकीपॉक्स वायरस उस तक पहुंचा कैसे। बता दें कि भारत में अब तक मंकीपॉक्स के 4 मरीज मिल चुके हैं। बाकी तीन केस केरल के हैं और तीनों ही विदेश से लौटे थे। भारत में मंकीपॉक्स का पहला मरीज केरल के कोल्लम में 12 जुलाई को मिला था। यह संक्रमित शख्स यूएई से आया था। आखिर क्या है मंकीपॉक्स और कैसे फैलता है ये वायरस, जानते हैं सबकुछ। 

क्या है मंकीपॉक्स : 
मंकीपॉक्स (Monkeypox) स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस की ही तरह होता है। मंकीपॉक्स वायरल 52 साल पहले 1970 में पहली बार एक बंदर में मिला था। इसके बाद यह वायरस वहां से 10 अफ्रीकी देशों में फैल गया। मंकीपॉक्स एक जूनोसिस (zoonosis) है। यानी एक ऐसी बीमारी, जो संक्रमित जानवरों से मनुष्यों में फैलती है।

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कैसे फैलता है मंकीपॉक्स वायरस : 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मंकीपॉक्स (Monkeypox) इस तरह के वायरस से संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से फैलता है। मंकीपॉक्स वायरस इससे पीड़ित मरीज के घाव से निकलकर आंख, नाक और मुंह के रास्ते किसी भी शख्स को संक्रमित कर सकता है। यह वायरस संक्रमित बंदर और कुत्ते या फिर इस बीमारी से संक्रमित जानवरों से भी फैल सकता है। 

मंकीपॉक्स के लक्षण : 
मंकीपॉक्स (Monkeypox) के लक्षण आमतौर पर चेचक की तरह ही हैं। इसमें चेचक की तरह ही पूरे शरीर में बड़े-बड़े दाने निकल आते हैं। ये बेहद दर्दनाक होते हैं। इसके चलते तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, पीठ दर्द, और थकान लगती है। मंकीपॉक्स के ज्यादातर मरीज वैसे तो कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। लेकिन 10% केस में यह वायरस जानलेवा साबित हो सकता है। 

क्या है इलाज : 
मंकीपॉक्स (Monkeypox) भी स्मालपॉक्स वायरस की फैमिली का सदस्य है, इसलिए इस पर भी चेचक की वैक्सीन असरदार साबित होती है। चेचक की वैक्सीन 85% इस वायरस को रोकने में असरकारक है। वैसे, इस बीमारी को रोकने का सबसे अच्छा उपाय संक्रमित व्यक्ति और जानवरों से दूर रहना ही है। 

WHO ने घोषित किया ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी : 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दिया है। हेल्थ इमरजेंसी का मतलब WHO मंकीपॉक्स को दुनियाभर के लिए बड़ा खतरा मानकर चल रहा है। इसे फैलने से रोकने और महामारी में बदलने से रोकने के लिए फौरन दुनियाभर की सरकारों को जरूरी कदम उठाने के लिए अलर्ट करने से है। 

इमेज क्रेडिट : istockphoto.com/wildpixel

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