पार्थ चटर्जी को AIIMS भुवनेश्वर ले जाने का आदेश, हाईकोर्ट ने कहा-एयर एंबुलेंस से मंत्री को ले जाकर जांच कराएं

केंद्रीय एजेंसी ने बैंकशाल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें चटर्जी को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल ले जाने का निर्देश दिया गया था। ईडी ने दावा किया कि निचली अदालत किसी व्यक्ति के पर्याप्त इलाज का निर्देश दे सकती है लेकिन किसी विशेष सुविधा को नहीं कर सकती।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल (West Bengal) के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भेजने के लोअर कोर्ट के आदेश को ईडी ने रविवार को हाईकोर्ट (Calcutta High Court) में चुनौती दी थी। ईडी ने हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए मंत्री पार्थ चटर्जी को एम्स भुवनेश्वर ले जाने का आदेश दिया है। जस्टिस बिबेक चौधरी (Justice Bibek Chaudhury) ने ईडी (ED) और चटर्जी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों की दलीलें सुनने के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे देर शाम को सुनाया।

जस्टिस विवेक चौधरी ने दिया एम्स भुवनेश्वर को रिपोर्ट देने का आदेश

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न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने कहा कि एजेंसी को 25 जुलाई, 2022 को सुबह-सुबह आरोपी को एयर एम्बुलेंस द्वारा एम्स, भुवनेश्वर ले जाने का निर्देश दिया जाता है। एम्स, भुवनेश्वर में आरोपी की चिकित्सकीय जांच होगी। कार्डियोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, रेस्पिरेटरी मेडिसिन और एंडोक्रिनोलॉजी के विशेषज्ञ डॉक्टर जांच करेंगे। हाईकोर्ट ने कहा कि एम्स जांच रिपोर्ट तैयार करेगा। एसएसकेएम अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी व जांच अधिकारी, जो एयर एंबुलेंस में साथ जा रहे, को रिपोर्ट की कॉपीज सौंपी जाएगी। इसके अलावा रिपोर्ट संबंधित वकील को भी सौंपी जाएगी। रिपोर्ट को कोलकाता में विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके लिए वर्चुअल मोड में शाम 4 बजे चटर्जी को पेश किया जाएगा और ईडी की याचिका का निपटारा किया जाएगा। 

दरअसल, केंद्रीय एजेंसी ने बैंकशाल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें चटर्जी को सरकारी एसएसकेएम अस्पताल ले जाने का निर्देश दिया गया था। ईडी ने दावा किया कि निचली अदालत किसी व्यक्ति के पर्याप्त इलाज का निर्देश दे सकती है लेकिन किसी विशेष सुविधा को निर्दिष्ट नहीं कर सकती। ईडी ने उच्च न्यायालय के समक्ष एक पुनरीक्षण याचिका दायर की और दिन के दौरान तत्काल सुनवाई की अनुमति मांगी।

शनिवार को बंगाल के मंत्री को ईडी हिरासत में भेजा

निचली अदालत ने शनिवार को चटर्जी को दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया था। हालांकि, हिरासत में भेजे जाने के आदेश के बाद उनके वकीलों ने उनकी अस्वस्थता का जिक्र करते हुए अस्पताल में भर्ती कराने का अनुरोध करते हुए प्रार्थना पत्र दिया। अदालत ने रिक्वेस्ट को मानते हुए पार्थ चटर्जी को सरकारी अस्पताल में भेजने का आदेश दिया।

ईडी ने कहा प्रभावशाली हैं मंत्री, नहीं रखा जाए अस्पताल में

ईडी के वकीलों ने दावा किया कि राज्य के वरिष्ठ मंत्री चटर्जी एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और इसलिए उन्हें सरकारी अस्पताल में नहीं रखा जाना चाहिए। चटर्जी के वकीलों ने प्रार्थना का विरोध किया और कहा कि उनका इलाज एसएसकेएम अस्पताल में उचित तरीके से किया जा रहा है। 

ईडी ने कहा कि एम्स में कराया जाएगा इलाज

ईडी ने सुझाव दिया कि चटर्जी का इलाज एम्स अस्पताल में किया जा सकता है, जिसमें स्वास्थ्य सेवा का बहुत अच्छा बुनियादी ढांचा है। केंद्रीय एजेंसी ने कथित स्कूल नौकरी घोटाले की जांच के सिलसिले में शनिवार को चटर्जी को गिरफ्तार किया था और बेचैनी की शिकायत के बाद शाम को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अर्पिता मुखर्जी को एक दिन की रिमांड

पश्चिम बंगाल (West Bengal) में ईडी (ED) द्वारा अरेस्ट अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee arrest) को शहर की अदालत ने एक दिन की रिमांड दी है। सोमवार को अर्पिता मुखर्जी को ईडी की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। अर्पिता मुखर्जी, पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की खास सहयोगी बताई जा रही हैं। ईडी ने मुखर्जी को दक्षिण कोलकाता के एक पॉश अपार्टमेंट ब्लॉक में उनके आवास पर कई घंटों तक पूछताछ करने के बाद शनिवार को गिरफ्तार...पढ़िए पूरी खबर

ईडी ने 22 जुलाई को किया था रेड

ईडी ने 22 जुलाई को सरकारी प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल धन के लेन-देन की जांच के तहत बंगाल में विभिन्न स्थानों पर छापे मारे थे। मंत्री की करीबी अर्पिता मुखर्जी के ठिकाने से ईडी ने 20 करोड़ से अधिक रुपये बरामद किए थे। इसके अलावा उनके घर से 20 मोबाइल फोन और 50 लाख रुपए की ज्वैलरी भी बरामद हुई है। ED ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड में भर्ती घोटाले से जुड़े मामलों में कई जगहों पर छापेमारी की थी। चटर्जी के अलावा ईडी की रेड, शिक्षा राज्यमंत्री परेश सी. अधिकारी, पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ प्राइमरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष व विधायक माणिक भट्टाचार्य, विधायक,  पार्थ चटर्जी की करीबी सुश्री अर्पिता मुखर्जी, तत्कालीन एमआईसी ऑफ एजुकेशन के ओएसडी पीके बंदोपाध्याय, तत्कालीन एमआईसी ऑफ एजुकेशन के पीएस  सुकांत आचार्य, कल्याणमय भट्टाचार्य के रिश्तेदार कृष्णा सी. अधिकारी; पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के सलाहकार- 5 सदस्यीय समिति के संयोजक डॉ. एस.पी. सिन्हा, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष सौमित्र सरकार,  स्कूल शिक्षा विभाग के उप निदेशक आलोक कुमार सरकार के ठिकानों पर की थी। इसके बाद मंत्री पार्थ चटर्जी को अरेस्ट कर लिया गया था। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...

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