Explainer: क्या है वन डिस्ट्रिक्ट-वन फोर्स पॉलिसी, मणिपुर हिंसा रोकने में होगा कारगर?

मणिपुर में दो छात्रों की हत्या के बाद हिंसा का नया दौर शुरू हो चुका है। सिक्योरिटी फोर्सेस के साथ भी लोगों की भीड़ हिंसा करने पर उतारू है। इस बीच मणिपुर राज्य सरकार का बयान महत्वपूर्ण है।

 

Manoj Kumar | Published : Sep 29, 2023 5:04 AM IST / Updated: Sep 29 2023, 10:35 AM IST

What is one district-one force policy. मणिपुर में ताजा हिंसा का दौर शुरू होने के बाद फिर से शांति बहाली की कोशिशें की जा रही हैं। इसी बीच राज्य सरकार ने एक जिला-एक फोर्स नीति अपनाने के भी संकेत दिए हैं। यह पॉलिसी सिक्योरिट फोर्सेस की बीच बेहतर कॉर्डिनेशन और ऑपरेशन के लिए लागू की जा सकती है। आइए जानते हैं आखिर वन डिस्ट्रिक्ट-वन फोर्स पॉलिसी आखिर है क्या?

क्या है एक जिला-एक फोर्स पॉलिसी-कैसे करेगी काम

माना जा रहा है कि यह व्यवस्था लागू होने के बाद पैरामिलिट्री फोर्स के जवान एक जिले की कानून-व्यवस्था बेहतर करने के लिए जिम्मेदार होंगे। हाल की मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि यह नीति लागू होने के बाद सिक्योरिटी फोर्सेज को जिम्मेदार ठहराया जा सकेगा। साथ ही अलग-अलग पैरामिलिट्री फोर्सेस के बीच किसी तरह के विवाद से भी बचा जा सकेगा। इससे एक फोर्स को एक जिले की जिम्मेदारी दी जाएगी और वहां के हालात के लिए सिर्फ वहीं फोर्स पूरी तरह से जिम्मेदार होगी। मणिपुर में सीआरपीएफ के जवान ज्यादा हैं तो उन्हें एक से ज्यादा जिलों की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

मणिपुर में 5 पैरामिलिट्री फोर्स शांति बहाली में लगी

मौजूदा समय में कुल 5 पैरामिलिट्री फोर्स जिसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ और आसाम राइल्स की टीमें स्टेट पुलिस के साथ कॉर्डिनेट करके शांति बहाली की कोशिशें कर रही हैं। अलग-अलग पैरामिलिट्री फोर्सेस की करीब 200 कंपनिया राज्य के हालात पर काबू पाने के लिए लगाई गई हैं। सभी पैरामिलिट्री फोर्स स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही हैं।

मणिपुर में ताजा हिंसा के क्या हैं कारण

मणिपुर के दो छात्रों का अपहरण और हत्या के बाद राजधानी इंफाल में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी है। हालात को देखते हुए राज्य में आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट यानि अफ्सा को अगले 6 महीने तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसमें 19 जिले शामिल नहीं किए गए। इन जिलों में इंफाल घाटी के अलावा वे जिले शामिल हैं, जिनकी सीमाएं असम से लगती हैं। ईस्ट और वेस्ट इंफाल जैसे दो जिलों में कर्फ्यू लगाया गया है। राज्य की बीरेन सिंह सरकार की मानें तो पिछले दो दिनों प्रदर्शनकारियों से झड़प में 65 प्रदर्शनकारी घायल हुए हैं। भीड़ ने मुख्यमंत्री का बंगला जलाने की भी कोशिश की थी।

मई में कब और क्यों शुरू हुई थी मणिपुर हिंसा

मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी का दर्जा देने के विरोध से मणिपुर हिंसा की शुरूआत हुई। 3 मई 2023 को आरक्षण का विरोध करने के लिए छात्रों द्वारा आदिवासी एकता रैली का आयोजन किया गया और इस रैली के बाद ही भीड़ हिंसक हो गई। तब से अलग-अलग जगहों पर हिंसा हुई।

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