WHO ने ओमिक्रॉन सब वेरिएंट JN.1 को बताया "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट", नहीं है ज्यादा खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ओमिक्रॉन सब वेरिएंट JN.1 को "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" बताया है। इसके साथ ही कहा है कि यह आम लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत बड़ा खतरा नहीं है।

 

Vivek Kumar | Published : Dec 20, 2023 1:31 AM IST / Updated: Dec 20 2023, 07:04 AM IST

जिनेवा। कोरोना वायरस के नए सब वेरिएंट जेएन.1 को लेकर भारत समेत पूरी दुनिया में चिंता है। डर है कि यह कहीं कोरोना के पिछले वेरिएंट्स की तरह बड़ी संख्या में लोगों की जान न ले। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को जेएन.1 वेरिएंट को लेकर राहत वाली बात कही है।

WHO ने ओमिक्रॉन सब वेरिएंट JN.1 को "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" बताया। इसके साथ ही कहा कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को ज्यादा खतरा नहीं है। WHO ने कहा कि अभी जो सबूत उपलब्ध हैं उनके आधार पर जेएन.1 के चलते पैदा हुई वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम को वर्तमान में कम माना गया है। JN.1 को पहले इसके मूल वंश BA.2.86 के एक भाग के रूप में वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में क्लासिफाइड किया गया था।

नए वेरिएंट के खिलाफ भी काम कर रहा कोरोना वायरस का टीका

WHO ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ मौजूदा टीके जेएन.1 और COVID​​-19 वायरस के अन्य वेरिएंट से होने वाली गंभीर बीमारी और मौत से बचाव कर रहे हैं। अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने दिसंबर की शुरुआत में कहा था कि एजेंसी के नए अनुमानों के अनुसार 8 दिसंबर तक अमेरिका में सबवेरिएंट जेएन.1 अनुमानित 15% से 29% मामलों का कारण है।

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अन्य वेरिएंट की तुलना में ज्यादा खतरनाक नहीं है JN.1

CDC ने कहा कि अभी इस बात का सबूत नहीं है कि JN.1 वर्तमान में फैल रहे अन्य वेरिएंट की तुलना में अधिक खतरनाक है। कोरोना वैक्सीन के अपडेट शॉट अमेरिकियों को नए वेरिएंट के खिलाफ सुरक्षित रख सकता है। अमेरिका में JN.1 का पहली बार सितंबर में पता चला था। पिछले सप्ताह चीन ने COVID सबवेरिएंट के सात संक्रमणों का पता लगाया है।

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