कौन हैं पूर्व इसरो प्रमुख डॉ के राधाकृष्णन, पता करेंगे NTA की गड़बड़ी, बताएंगे कैसे लीक नहीं होंगे पेपर

शिक्षा मंत्रालय ने NTA के कामकाज की जांच करने और इसमें क्या सुधार किए जाने चाहिए यह बताने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। इसकी अध्यक्षता पूर्व प्रमुख डॉ के राधाकृष्णन करेंगे।

 

Vivek Kumar | Published : Jun 22, 2024 1:02 PM IST / Updated: Jun 22 2024, 06:40 PM IST

नई दिल्ली। शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसकी अध्यक्षता इसरो के पूर्व प्रमुख डॉ के राधाकृष्णन करेंगे। राधाकृष्णन पता करेंगे कि NTA (National Testing Agency) में क्या गड़बड़ी है। UGC-NET के पेपर लीक कैसे हुए और NEET की परीक्षा में कैसे गड़बड़ी की गई।

कौन हैं डॉ के राधाकृष्णन?

Latest Videos

डॉ के राधाकृष्णन 2009 से 2014 तक इसरो के अध्यक्ष रहे हैं। उनका जन्म 29 अगस्त 1949 को केरल के इरिनजालाकुडा में हुआ था। उन्होंने केरल विश्वविद्यालय से 1970 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया था। इसके बाद IIM बैंगलोर से 1976 में पीजीडीएम किया। उन्होंने IIT खड़गपुर से 2000 में “भारतीय पृथ्वी अवलोकन प्रणाली (Indian Earth Observation System) के लिए कुछ रणनीतियां” शीर्षक वाली अपनी थीसिस के लिए डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

राधाकृष्णन भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (FNASc), भारतीय राष्ट्रीय इंजीनियरिंग अकादमी (FNAE); इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया और इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स इंडिया के फेलो हैं। वह इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ एस्ट्रोनॉटिक्स के सदस्य हैं।

डॉ. राधाकृष्णन ने एवियोनिक्स इंजीनियर के रूप में शुरू किया था करियर

राधाकृष्णन ने अपने करियर की शुरुआत विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में एवियोनिक्स इंजीनियर के रूप में की थी। उन्होंने इसरो में स्पेस लॉन्च सिस्टम्स, स्पेस एप्लिकेशन्स और स्पेस प्रोग्राम मैनेजमेंट के क्षेत्र में कई निर्णायक पदों पर काम किया है। उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक और राष्ट्रीय सुदूर संवेदन एजेंसी के निदेशक के पद पर काम किया है। विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र इसरो में लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) टेक्नोलॉजी का प्रमुख केंद्र है।

राधाकृष्णन ने 2000-2005 तक पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में सेवा दी थी। वह भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केन्द्र (INCOIS) के संस्थापक निदेशक और भारतीय राष्ट्रीय सुनामी चेतावनी प्रणाली के प्रथम परियोजना निदेशक भी रहे हैं।

यह भी पढ़ें- NEET-NET paper leak row: सरकार ने बनाया 7 सदस्यों का पैनल, देखें कौन-कौन है कमेटी में शामिल?

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। इसमें अंतर-सरकारी महासागरीय आयोग के उपाध्यक्ष (2001-05), हिंद महासागर वैश्विक महासागरीय प्रेक्षण प्रणाली के संस्थापक अध्यक्ष (2001-06) और संपूर्ण यूएन-सीओपीयूओएस एसटीएससी के कार्य समूह के अध्यक्ष (2008-2009) शामिल हैं।

यह भी पढ़ें- NEET Paper leak: पेपर को प्रिंट कराकर अभ्यर्थियों तक पहुंचाने वाला पिंटू झारखंड के देवघर से अरेस्ट, अबतक 19 आरोपी हुए अरेस्ट

Share this article
click me!

Latest Videos

मुख्यमंत्री आतिशी ने भरा महिला कार्यकर्ता का कान और वो टूट पड़ी, BJP ने शेयर किया वीडियो
देश के लिए मर-मिटने वालों का सम्मान नहीं कर सकती कांग्रेस # shorts
शर्म नहीं आती, बाहर आओ...जबरदस्त एक्शन में IAS टीना डाबी-वीडियो वायरल
एक थी महालक्ष्मी! फ्रिज से शुरू हुई कहानी पेड़ पर जाकर हुई खत्म, कागज के पर्चे में मिला 'कबूलनामा'
बचाओ-बचाओ...गिड़गिड़ाती रही महिला पुलिस और लेडी ने फाड़ दी वर्दी-Video Viral