कौन हैं मार्गरेट अल्वा, जिन्हें विपक्ष ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, रह चुकीं 4 राज्यों की राज्यपाल

उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। बता दें कि मार्गरेट अल्वा 4 राज्यों की राज्यपाल रह चुकी हैं। वहीं, एनडीए ने जगदीप धनखड़ को अपना उम्मीदवार बनाया है। बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनने के लिए वोटिंग अगले महीने 6 अगस्त को होगी। 

Who is Margaret Alva: उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने भी अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। विपक्षी दलों ने मार्गरेट अल्वा को उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने रविवार को मार्गरेट अल्वा के नाम का ऐलान किया है। बता दें कि मार्गरेट अल्वा एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ की तरह ही राज्यपाल रह चुकी हैं। मार्गरेट अल्वा राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड और गुजरात की राज्यपाल रह चुकी हैं। 

कौन हैं मार्गरेट अल्वा?
मार्गरेट अल्वा का जन्म 14 अप्रैल, 1942 को मैंगलोर कर्नाटक में एक रोमन कैथोलिक फैमिली में हुआ था। उन्होंने बैंगलोर के माउंट कार्मेल कॉलेज से बीए की डिग्री ली। इसके बाद गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से वकालत की डिग्री ली। अल्वा ने 1969 में पॉलिटिकल करियर शुरू किया। वे 1975 से 1977 के बीच कांग्रेस की ज्वाइंट सेक्रेटरी रहीं। इसके बाद 1978 से 1980 तक कर्नाटक से कांग्रेस महासचिव भी रहीं। अल्वा चार बार राज्यसभा की सदस्य भी रहीं। 

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इनसे हुई मार्गरेट अल्वा की शादी : 
मार्गरेट अल्वा की शादी 1964 में निरंजन थॉमस अल्वा से हुई। दोनों की मुलाकात गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में हुई थी। उनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं। बता दें कि मार्गरेट अल्वा राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुकी हैं। राजीव कैबिनेट में संसदीय कार्य और युवा विभाग की मंत्री रही, जबकि नरसिम्हा राव की सरकार में पब्लिक और पेंशन विभाग की मंत्री रही हैं।

शाहबानो केस में किया था राजीव गांधी का विरोध : 
मार्गरेट अल्वा ने 2016 में अपनी बायोग्राफी करेज एंड कमिटमेंट में एक बड़ा खुलासा किया था। इसमें उन्होंने बताया था कि राजीव गांधी जब शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाने जा रहे थे, तब मैंने उन्हें मौलवियों के सामने नहीं झुकने को कहा था। हालांकि, उन्होंने मेरा सुझाव मानने से मना कर दिया था।

कब है उपराष्ट्रपति चुनाव?
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार 19 जुलाई तक अपने नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे। इसके बाद नामांकन पत्रों की जांच 20 जुलाई को होगी। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाले उम्मीदवार अपना नामांकन पत्र 22 जुलाई तक वापस ले सकेंगे। उपराष्ट्रपति चुनने के लिए वोटिंग अगले महीने 6 अगस्त को होगी। 

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मार्गरेट अल्वा को उप राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष ने बनाया कैंडिडेट, शरद पवार ने किया ऐलान


 

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