हिमाचल के मुख्यमंत्री होंगे सुखविंदर सिंह सुक्खू, वीरभद्र सिंह के विरोधी यूथ लीडर से सीएम बनने की कहानी

हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे चल रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को कम से कम 25 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सुक्खू, हमीरपुर जिले के नादौन से विधायक बने हैं। 

Dheerendra Gopal | Published : Dec 10, 2022 11:29 AM IST / Updated: Dec 10 2022, 08:19 PM IST

Himachal Pradesh Chief Minister: हिमाचल प्रदेश में अगले मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू होंगे। कांग्रेस की विधायक दल की मीटिंग में यह फैसला किया गया है। दिल्ली दरबार से अंतिम मुहर लगने के बाद सुखविंदर सिंह के नाम का ऐलान किया गया। पर्यवेक्षक भूपेश बघेल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधायक दल की मीटिंग के बाद इसकी घोषणा की है। कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी सांसद प्रतिभा सिंह भी इस रेस में शामिल थीं लेकिन विधायकों का समर्थन सुक्खू के पक्ष में रहा। हिमाचल प्रदेश में एक डिप्टी सीएम भी होगा। विधायक मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। सीएम व डिप्टी सीएम रविवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। 

कौन हैं सुखविंदर सिंह सुक्खू?

हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे चल रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को कम से कम 25 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सुक्खू, हमीरपुर जिले के नादौन से विधायक बने हैं। इस बार उन्होंने पांचवीं बार जीत हासिल की है। पेशे से अधिवक्ता सुक्खू की राजनीति कांग्रेस के स्टूडेंट विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से शुरू हुई थी। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में वह एनएसएयूआई के कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक एंट्री ली थी। 1980 के दशक में वह एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष रहे। 1989 से 1995 तक वह छात्र संगठन के अध्यक्ष रहे। इसके बाद वह यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष 1999 से 2008 तक रहे। यूथ कांग्रेस से वह मुख्य संगठन में विभिन्न पदों पर रहने के बाद प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष 2013 से 2019 तक रहे हैं। सुक्खू दो बार शिमला नगर निगम के पार्षद भी रहे हैं।

कद्दावर नेता वीरभद्र सिंह का विरोध करने से भी नहीं किया परहेज

सुखविंदर सिंह सुक्खू, तत्कालीन सबसे ताकतवर नेता वीरभद्र सिंह का विरोध करने से भी कभी नहीं हिचके। कांग्रेस में रहते हुए उन्होंने समय-समय पर पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले रखा। वीरभद्र सिंह के समय भी वह कांग्रेस के विभिन्न पदों पर रहे। सात साल तक वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे। करीब तीन साल पहले ही उनको हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया गया था। इस बार भी कांग्रेस की जीत में अहम रोल निभाए हैं। पहली बार हमीरपुर जिले को बीजेपी मुक्त कर दिया है। यहां की पांच में चार सीटें कांग्रेस तो एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी ने जीती है।

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