बीजेपी नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने किसके शह पर पहलवानों को बृजभूषण के खिलाफ धरना को राजी किया?

साक्षी मलिक ने परमीशन के जो साक्ष्य दिखाएं हैं और बबीता फोगाट व बीजेपी के ही नेता तीर्थ राणा को लेकर जो खुलासा किया है, वह चौकाने वाला है।

Wrestlers Protest: करीब साढ़े चार महीना से पहलवानों का मुद्दा नेशनल-इंटरनेशनल मीडिया पर छाया हुआ है। कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को पॉक्सो एक्ट में करीब-करीब राहत तो मिल गई है लेकिन यौन उत्पीड़न के अन्य केस में अभी राहत की तलाश है। हालांकि, पहलवानों का प्रदर्शन खत्म हो चुका है लेकिन इस मामले में रोज-ब-रोज नए खुलासे हो रहे हैं। महिला पहलवानों की अगुवाई कर रही साक्षी मलिक ने खुलासा किया है कि पहलवानों के धरने के लिए जंतर-मंतर का परमीशन दंगल गर्ल व बीजेपी नेता बबीता फोगाट व तीर्थ राणा ने दिलाया था। दोनों ने पहलवानों को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना के लिए पहलवानों को प्रेरित किया था। इस खुलासा के बाद कई सवाल उठने शुरू हो गए हैं जिसका सच जांच के बाद ही सामने आ सकेगा।

कौन है इस धरने के पीछे?

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दरअसल, पहलवानों ने जब बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था तो यूपी और हरियाणा का कुश्ती संघ पर कब्जे को लेकर राजनीति सामने आई थी। उस समय तक कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा का नाम सामने आया था। आरोप लगे थे कि दीपेंद्र हुड्डा ने कुश्ती महासंघ पर काबिज होने के लिए पहलवानों को उकसाया है। लेकिन अब जब कई महीनों से चल रहा यह हाईप्रोफाइल केस पहलवानों के हाथ से निकल चुका है तो एक नए खुलासे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। साक्षी मलिक ने परमीशन के जो साक्ष्य दिखाएं हैं और बबीता फोगाट व बीजेपी के ही नेता तीर्थ राणा को लेकर जो खुलासा किया है, वह चौकाने वाला है। सवाल यह कि आखिर दोनों भाजपा नेताओं ने क्यों बृजभूषण शरण सिंह पर निशाना साधा। इस धरने ने केवल कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष की मुश्किलें नहीं बढ़ाई बल्कि बीजेपी की केंद्र सरकार पर भी सवाल उठे और लगातार सरकार के मंत्री से लेकर पीएम तक से सवाल किए गए। एक सवाल यह उठता है कि बीजेपी के दोनों नेताओं ने आखिर किसकी शह पर इतनी बड़े बवाल को खड़ा किया।

क्या कहा साक्षी मलिक ने?

पहलवानों के धरने की अगुवाई कर रहे पहलवानों में शामिल साक्षी मलिक ने कहा कि उन लोगों को बृजभूषण के खिलाफ धरना देने के लिए भाजपा नेता बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने प्रेरित किया। जंतर-मंतर पर धरने की परमिशन भी बबीता फोगाट और तीर्थ राणा ने ही दिलाई थी। साक्षी मलिक व उनके पति सत्यव्रत कादियान ने वह परमिशन लेटर भी दिखाया, जिसके बाद वह लोग 18 जनवरी को पहली बार धरना दिए थे।

कौन हैं बबीता फोगाट और तीर्थ राणा?

बबीता फोगाट, दंगल गर्ल के नाम से फेमस पहलवान हैं। बबीता ने 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता था। हालांकि, बाद में वह राजनीति में आ गई थीं। बीजेपी में शामिल होकर वह चरखा दादरी से चुनाव भी लड़ी लेकिन हार गईं। वह बीजेपी में काफी सक्रिय हैं। वहीं तीर्थ राणा, हरियाणा के सोनीपत जिले के बीजेपी अध्यक्ष हैं। बता दें कि बबीता फोगाट ने पहलवानों के मामले में हस्तक्षेप किया था और लगातार कहती आ रहीं कि पहलवानों के धरना-प्रदर्शन में बड़ी साजिश व राजनीति हो रही है। लेकिन साक्षी मलिक के आरोप ने पूरा सीन ही बदल दिया।

क्या है पहलवानों के धरने का पूरा मामला?

बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पहली बार 18 जनवरी को पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन शुरू किया था। मामला तूल पकड़ा तो तीसरे दिन सरकार ने पहलवानों के साथ समझौता कर लिया और एक कमेटी बन गई। लेकिन कमेटी की रिपोर्ट में हीलाहवाली और आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर अरेस्ट की मांग को लेकर पहलवानों ने एक बार फिर 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धराना शुरू कर दिया। 28 अप्रैल को पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई। कोर्ट ने तत्कालीन कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ और पॉक्सो के तहत दो एफआईआर का आदेश दिया। 3 मई की रात में पहलवानों और पुलिस के बीच हुई जंतर-मंतर पर झड़प के बाद किसान संगठन व खाप पंचायतों ने भी साथ आने का ऐलान किया। 21 मई को खिलाड़ियों ने इंडिया गेट तक कैंडिल मार्च कर मामला गरमाया। इसी दिन हुई पंचायत में तय हुआ कि महिला महापंचायत नई संसद के पास बुलाई जाएगी। 

चूंकि, 28 मई को ही नई संसद का उद्घाटन पीएम मोदी करने वाले थे, इसलिए किसी भी गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए भारी फोर्स तैनात किया गया। पहलवानों ने भी मार्च करने का मन बनाया। 28 मई को पहलवानों को पुलिस ने मार्च से रोका, काफी बवाल हुआ। जबरिया पहलवानों को अरेस्ट कर गंभीर धाराओं में केस हुआ। इसी बीच जंतर-मंतर पर उनके धरनास्थल पर टेंट आदि उखाड़ फेंके गए। फिर पहलवानों ने गंगा में मेडल बहाने का फैसला किया। पहलवान हरिद्वार पहुंचे तो किसान नेता नरेश टिकैत वहां पहुंच पहलवानों को मनाया और पांच दिन का अल्टीमेटम दिया। कुरुक्षेत्र में इसके बाद महापंचायत हुई। बृजभूषण की गिरफ्तारी का अल्टीमेटम दिया गया। इसी बीच 6 जून को अचानक से अमित शाह के साथ साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजरंग पुनिया की मीटिंग हुई। इसके बाद तीनों पहलवान अपने काम पर लौट गए। हालांकि, पुलिस ने जांच तेज कर दी। सरकार ने कहा 15 जून तक चार्जशीट दाखिल होगी। उधर, नाबालिग पहलवान ने अपना आरोप वापस ले लिया और बृजभूषण शरण सिंह को राहत मिल गई।

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