ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव रहे वीके पांडियान को सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति सोमवार को मिल गया।
Who is VK Pandiyan: ओडिशा के सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट को अब कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया है। वीआरएस लेने के 24 घंटे के भीतर वीके पांडियान को राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्री का ओहदा दे दिया। पांडियान, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पूर्व निजी सचिव हैं। राज्य सरकार के प्रमुख निर्णयों में पांडियान का हस्तक्षेप होने की वजह से वह लगातार विपक्षी दलों के निशाने पर रहे हैं।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी सचिव रहे वीके पांडियान को सरकारी सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति सोमवार को मिल गया। उनके वीआरएस लेने के 24 घंटे के बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट मंत्री का ओहदा दे दिया। पांडियान, मुख्यमंत्री पटनायक के करीब 12 सालों से निजी सचिव रहे हैं।
2000 बैच के आईएएस हैं पांडियान
वीके पांडियान, ओडिशा कैडर के 2000 बैच के आईएएस हैं। पांडियाान को 2002 में राज्य के सबसे चर्चित जिला कालाहांडी के धर्मगढ़ का डिप्टी कलक्टर बनाया गया। साल 2006 में उनको मयूरभंज जिले का कलक्टर बनाया गया। 2007 में वह गंजम जिला के कलक्टर बनाए गए। गंजम में कलक्टर रहते हुए वह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी बन गए। गंजम, सीएम पटनायक का गृह क्षेत्र है। करीब पांच साल बाद यानी 2011 में वह सीएमओ में एंट्री पा गए और उनको नवीन पटनायक ने अपना निजी सचिव बना लिया।
राज्य के सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट
पांचवीं बार नवीन पटनायक 2019 के मुख्यमंत्री बनें। पदभार संभालने के बाद उन्होंने सरकारी विभागों में परिवर्तनकारी पहलों को लागू करने के लिए '5T कार्यक्रम' शुरू किए। मुख्यमंत्री की इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी वीके पांडियान को सौंपी गई। पांडियान को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने '5T सचिव' बनाया।
वीआरएस के बाद कैबिनेट मंत्री का दर्जा
वीआरएस लेने के बाद वीके पांडियान को राज्य सरकार के 5T (परिवर्तन पहल) और नबीन ओडिशा योजना के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है। ओडिशा के सामान्य प्रशासन और लोक शिकायत विभाग के एक आदेश में कहा गया कि वह कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखेंगे।
विपक्ष के निशाने पर पांडियान
पटनायक के सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रेट की सरकार में दखल की वजह से वह लगातार विपक्षी दलों के निशाने पर रहे हैं। बीजेपी और कांग्रेस के लगातार निशाने पर पांडियान रहे हैं। बीते दिनों जब राज्य की जनशिकायतों को सुनने के लिए पांडियान ने तूफानी दौरे शुरू किए और 190 मीटिंग्स की तो विपक्ष ने हमला तेज कर दिया। विपक्ष लगातार उनके इस्तीफा की मांग करता रहा।
बीजेपी और कांग्रेस बोली-पांडियान अगर सीएम बनते तो भी आश्चर्य नहीं
हालांकि, पांडियान के इस्तीफा का बीजेपी और कांग्रेस ने स्वागत किया है। कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उलाका ने कहा कि अगर वीके पांडियन अगले चुनाव से पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालते हैं तो उन्हें आश्चर्य नहीं होगा।
कांग्रेस विधायक एसएस सलूजा ने नौकरशाह के स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हम उनके फैसले का स्वागत करते हैं। उन्हें यह पहले ही कर देना चाहिए था। हमें नहीं पता कि वह राजनीति में शामिल होंगे या अपने राज्य में लौटेंगे। हालांकि, अगर वह बीजद में शामिल होते हैं, तो यह विपक्ष के लिए मददगार होगा, खासकर कांग्रेस के लिए।
भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा कि वीके पांडियन ने अपने राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने के लिए इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा कि अब वह नौकरशाह के मुखौटे के पीछे के बजाय खुले तौर पर राजनीति कर सकेंगे। उन्हें ओडिशा के लोग स्वीकार नहीं करेंगे।
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