
हरिद्वार की पवित्र धरती… हर की पौड़ी की सुबह… और देओल परिवार के सबसे भावुक पलों का साक्षी बना गंगा तट। धर्मेंद्र जी के अस्थि विसर्जन और पिंडदान के दौरान कौन था सबसे आगे? किसने किया अंतिम प्रवाह? और उस वक्त परिवार के बीच क्या हुआ जो कैमरों में कैद नहीं हो सका?