
Why Corona cases increasing: देश में कोरोना वायरस (Covid-19) एक बार फिर सिर उठाता नजर आ रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर शनिवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में फिलहाल 3395 एक्टिव कोविड केस दर्ज किए गए हैं। जबकि 22 मई को ये संख्या सिर्फ 257 थी। यानी महज 1 हफ्ते में मामलों में करीब 1200 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
शुक्रवार और शनिवार के बीच देश में 685 नए कोरोना केस दर्ज किए गए, वहीं 4 लोगों की जान भी चली गई। केरल ने शुक्रवार को सबसे ज्यादा 189 नए केस रिपोर्ट किए हैं और राज्य में एक्टिव केसों की संख्या 1,336 पहुंच चुकी है।
अन्य राज्यों की स्थिति इस प्रकार है:
इसके अलावा राजस्थान (60), पुडुचेरी (41), हरियाणा (26), आंध्र प्रदेश (17) और मध्य प्रदेश (16) में भी केस बढ़ने लगे हैं।
ICMR (Indian Council of Medical Research) के प्रमुख डॉ. राजीव बेहल ने बताया कि देश में नए केस Omicron के सबवेरिएंट्स LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 के कारण आ रहे हैं। इनमें से पहले तीन ज्यादा प्रचलित हैं। उन्होंने बताया कि पहले दक्षिण भारत में केस बढ़े, फिर पश्चिम में और अब उत्तर भारत में भी मामले सामने आ रहे हैं। सभी मामलों की निगरानी IDSP (Integrated Disease Surveillance Programme) के तहत की जा रही है।
डॉ. बेहल ने कहा कि फिलहाल मामलों की गंभीरता कम है और संक्रमितों को हल्के लक्षण ही देखने को मिल रहे हैं। डॉ.बेहल ने कहा कि तीन बातों पर नजर रखी जाती है, संक्रमण की गति, इम्युनिटी से बच निकलने की क्षमता और गंभीर मामलों की संख्या। अभी कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है लेकिन सतर्क रहना जरूरी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने LF.7 और NB.1.8.1 को ‘Variants Under Monitoring’ की श्रेणी में रखा है। WHO के अनुसार, अभी तक इन वैरिएंट्स के कारण किसी देश में गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने की दर में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मौजूदा वैक्सीन इन वैरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी हैं और गंभीर बीमारी से बचाने में सक्षम हैं।