क्या राष्ट्रपति शासन के बाद दोबारा होगा चुनाव, या सभी के लिए सरकार बनाने का खुलेगा रास्ता

महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के 18 दिन के नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है। इससे पहले राज्यपाल ने सोमवार रात को एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था।

Asianet News Hindi | Published : Nov 12, 2019 10:33 AM IST / Updated: Nov 12 2019, 04:14 PM IST

नई दिल्ली. महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के 18 दिन के नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है। इससे पहले राज्यपाल ने सोमवार रात को एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था। एनसीपी ने सरकार बनाने का दावा करने के लिए और वक्त मांगा, जिसके बाद राज्यपाल ने यह फैसला किया। 

क्यों लगा राष्ट्रपति शासन?
- भाजपा के सरकार बनाने से इनकार के बाद राज्यपाल ने शिवसेना को न्योता दिया।
- शिवसेना 24 घंटे के तय वक्त में समर्थन पत्र पेश नहीं कर पाई। शिवसेना ने 48 घंटे का वक्त मांगा।
- राज्यपाल ने और वक्त देने से इनकार किया। साथ ही एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया।
- एनसीपी के पास 24 घंटे यानी 8.30 बजे तक का वक्त था, लेकिन उसने पहले ही और वक्त मांगा।
- राज भवन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य में सरकार बनने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
- राज्यपाल ने महाराष्ट्र की स्थिति की रिपोर्ट राष्ट्रपति को भेजी। राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की।

अब आगे क्या? 

- राष्ट्रपति शासन में सभी शक्तियां राष्ट्रपति के पास होती हैं। विधानसभा का कार्य संसद करती है।
- राष्ट्रपति शासन के दौरान कोई भी पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। 
- ऐसे में भाजपा, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सभी के लिए बराबर के रास्ते खुले हैं। इसमें कोई समय सीमा भी नहीं है। 
- किसी भी राज्य में 6 महीने या 1 साल तक राष्ट्रपति शासन लागू रह सकता है। उससे ज्यादा के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ती है।
- राज्यपाल मध्यावधि चुनाव कराने की सिफारिश कर सकते हैं।

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