25 मार्च को राहुल गांधी ने वीडी सावरकर को लेकर बयान दिया था। इससे सावरकर के पोते रंजीत सावरकर गुस्सा हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि राहुल गांधी माफी मांगें नहीं तो उनके खिलाफ FIR कराऊंगा।
नई दिल्ली। वीर सावरकर के पोते रंजीत सावरकर ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने बयान के लिए माफी मांगें नहीं तो उनके खिलाफ केस दर्ज कराऊंगा। 25 मार्च को अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल ने सावरकर को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया था। इसको लेकर रंजीत सावरकर ने माफी मांगने की मांग की है।
रंजीत सावरकर ने कहा, "अगर राहुल गांधी सावरकर पर अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते हैं तो मैं उनके खिलाफ FIR दर्ज करूंगा।" रंजीत सावरकर ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि वे सावरकर द्वारा ब्रिटिश अधिकारियों से माफी मांगने का सबूत पेश करें। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी "बचकाना" हरकत कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने दिया था यह बयान
25 मार्च को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था। इस दौरान उनसे सवाल पूछा गया, "बीजेपी के लोग बार-बार यह बात कहते हैं कि आपने विदेश में जाकर भाषण दिया तो माफी मांग लेते, अभी कोर्ट में आपसे कहा गया कि माफी मांग लेते। जब ये लोग कहते हैं कि राहुल गांधी माफी मांग लेते तो राहुल गांधी क्या सोचते हैं।"
इसपर राहुल गांधी ने कहा, "राहुल गांधी सोचता है मेरा नाम सावरकर नहीं है। मेरा नाम गांधी है। गांधी किसी से माफी नहीं मांगता। मैंने पार्लियामेंट हाउस में कहा कि भईया मुझे बोलने दीजिए न, एक बार तो बोलने दीजिए। दो बार चिट्ठी लिखी, तीसरी बार मैं खुद स्पीकर के पास गया। मैंने कहा स्पीकर सर, लोकतंत्र के आप रक्षक हैं। मुझे बोलने दीजिए। मुस्कुराकर कहते हैं भईया मैं तो नहीं कर सकता। आप नहीं कर सकते तो कौन कर सकता है? शायद मुझे जाकर मोदी जी से पूछना पड़े। वो तो करने नहीं देंगे। तो मेरा जो प्वाइंट है इस देश में लोकतंत्र खत्म हो गया है। इस देश के लोग जो उनके दिल में है बोल नहीं सकते। इस देश की संस्थाओं पर आक्रमण हो रहा है। उस आक्रमण का मैकेनिज्म नरेंद्र मोदी और अदाणी जी का रिश्ता है।
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सावरकर पर राहुल ने पहले भी दिया है बयान
यह पहली बार नहीं था जब राहुल गांधी ने सावरकर के खिलाफ बयान दिया हो। उन्होंने पिछले साल नवंबर में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दावा किया था कि वीडी सावरकर अंडमान सेलुलर जेल से मुक्त होने के लिए दया याचिका लिखते थे और ब्रिटिश राज से पेंशन भी स्वीकार करते थे।
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