भारत और चीन सेना के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। चीनी सेना ने लद्दाख में जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। जिसके बाद भारतीय सेना ने भी अपने जवानों की संख्या बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक LAC पर सेना की फौजी गाड़ियां देखी गई हैं। जबकि चीनी सेना ने टेंट भी गाड़े हैं।
श्रीनगर. भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों देश की सेनाओं ने लद्दाख सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक लद्दाख सेक्टर पैंगोंद सो झील और गलवान घाटी में चीनी सेना ने तकरीबन 5000 सैनिकों की तैनाती की है। जिसके बाद भारतीय सेना ने भी अपने जवानों की तैनाती बढ़ा दी है। ताकि उनका मुकाबला किया जा सके।
मौजूदा समय में चीनी सेना ने अपने सैनिकों को LAC के पक्ष में बड़े पैमाने पर अभ्यास करने से रोक दिया है और भारतीय सेना के 81 और 114 ब्रिगेड के तहत आने वाले क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार उन्हें छोटे नोटिस पर तैनात किया है। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिकों और भारी वाहनों में पैंगोंग त्सो झील और उंगली क्षेत्र के पास वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चले गए हैं और भारतीय क्षेत्र के भीतर मौजूद हैं।
गालवान नाला इलाके में, चीनी अपने रोड हेड से लगभग 10-15 किमी दूर भारतीय सेना के पोस्ट से 120 किमी दूर सैनिकों के साथ गश्त भी की है। इसके साथ ही चीन सेना ने वहां टेंट भी लगा दिया है और इसके करीब तैनात हैं।
भारत के सड़क बनाने से टकराव शुरू हुआ
दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति पैंगोंग त्सो झील के पास भारत के सड़क निर्माण से शुरू हुई। दरअसल, लद्दाख के पूर्वी इलाके में आवागमन के लिए भारत सड़क मार्ग को मजबूत कर रहा है। इस पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने आपत्ति जताई। इसके बाद धीरे-धीरे चीन ने इस इलाके में अपने जवानों की संख्या बढ़ाना शुरू कर दिया। जिसके बाद एहतियातन भारत ने भी इस इलाके में तैनाती बढ़ा दी है।
भारत की दो टूक- हम अपने इलाके में बना रहे हैं सड़क
भारत ने साफ किया है कि वह अपने इलाके में सड़क निर्माण कर रहा है। और यह ठीक वैसा ही जैसा चीन ने अपने इलाके में किया है। इसके बाद भी चीनी सैनिक इस इलाके में जमे हुए हैं। चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो झील में अपनी स्पीड बोट्स की मौजूदगी भी बढ़ा दी है। डेमचौक और दौलत बेग ओल्डी जैसे इलाकों में भी दोनों देशों के सैनिकों की संख्या में इजाफा हुआ है।
दोनों सेनाओं के बीच हुईं हाल-फिलहाल की झड़पें
पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग झील- 5 मई की शाम को इस झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर-5 इलाके में भारत-चीन के करीब 200 सैनिक आमने-सामने हो गए। भारत ने चीन के सैनिकों की मौजूदगी पर ऐतराज जताया। पूरी रात टकराव के हालात बने रहे। अगले दिन तड़के दोनों तरफ के सैनिकों के बीच झड़प हो गई। बाद में दोनों तरफ के आला अफसरों के बीच बातचीत के बाद मामला शांत हुआ।
नाकू ला सेक्टर- 9 मई को नाकू ला में दोनों देशों के 150 सैनिक आमने-सामने आ गए। हालांकि आधिकारिक तौर पर सैनिकों के बीच हुए झड़प की तारीख सामने नहीं आई है। लेकिन 'द हिंदू' के मुताबिक, यहां झड़प 9 मई को ही हुई। गश्त के दौरान आमने-सामने हुए सैनिकों ने एक-दूसरे पर घूंसे चलाए। इस झड़प में 10 सैनिक घायल हुए। यहां भी बाद में अफसरों ने दखल दिया। जिसके बाद झड़प खत्म हुआ।
9 मई को ही लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास चीन की सेना के हेलिकॉप्टर दिखने के बाद भारतीय वायुसेना सतर्क हो गई। भारतीय वायुसेना ने भी सुखोई समेत दूसरे लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी और सीमा पर निगरानी बढ़ा दी। एलएसी के पास चीन के हेलिकॉप्टर उसी दौरान देखे गए, जब उत्तरी सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों में झड़प हुई थी।