भारत के वेटलैंड्स लाखों प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में काम करती हैं।
World Wetland Day: विश्व वेटलैंड डे 2 फरवरी को मनाया जा रहा है। धरती पर बायोडायवर्सिटी के लिए वेटलैंड्स हमारे बैलेंस्ड इकोसिस्ट के लिए अति आवश्यक है। पर्यावरण और हर प्रकार के जीवों के लिए एक डायवर्स इकोसिस्टम वाला देश भारत, 88 रामसर साइट्स के साथ साउथ एशिया का सबसे प्रभावशाली वेटलैंड्स क्षेत्र है। भारत में 1.33 मिलियन हेक्टेयर्स का वेटलैंड है।
सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व वाले वेटलैंड
लोकतक झील और खेचियोपालरी झील जैसे प्रतिष्ठित स्थलों के साथ वेटलैंड्स, भारत में महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व रखती हैं। देश की यह डायवर्स वेटलैंड्स, पर्यटकों को आकर्षित करती हैं। इनका उल्लेख चाणक्य के अर्थशास्त्र जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है।
साउथ एशिया में सबसे अधिक क्षेत्रफल वाला वेटलैंड भारत में
भारत ने वेटलैंड संरक्षण में काफी प्रगति की है। यहां, दक्षिण एशिया में रामसर साइटों का सबसे बड़ा नेटवर्क है जो 1.33 मिलियन हेक्टेयर को कवर करता है। ये स्थल विभिन्न फौना ग्रुप्स में 6200 प्रजातियों से गुलजार हैं और जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। भारत के वेटलैंड्स लाखों प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण पड़ाव के रूप में काम करती हैं। यहां हर साल दुनिया भर के पक्षी यहां आते हैं साथ ही विश्वस्तर पर जलपक्षियों की आबादी को संरक्षित करते हैं। वैश्विक खतरों के बावजूद भारत में वेटलैंड एरिया का संरक्षण लगातार हो रहा है।
2024 में कर्नाटक और तमिलनाडु में पांच नई रामसर साइट्स
जनवरी 2024 में भारत में पांच नए रामसर साइट्सों को संरक्षित करने का ऐलान किया गया। कर्नाटक और तमिलनाडु में पांच नई साइटों को नामित करने के बाद देश में रामसर साइट की संख्या को 80 तक पहुंच चुकी है। अगस्त 2022 में भारत में 11 नए वेटलैंड्स को चिंहित किया गया।
क्यों जरूरी हैं वेटलैंड्स?
वेटलैंड्स, प्राकृतिक बफर के रूप में कार्य करते हैं। यह अतिरिक्त पानी का भंडारण करके बाढ़, सूखा और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
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