उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की श्रेया रस्तोगी ने भारत की पहली उड़ने वाली टैक्सी e200 बनाई है। श्रेया नासा (NASA) के लिए काम कर चुकी हैं। उन्होंने अमेरिका के कैफिफोर्निया विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है।
नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित भारत ड्रोन महोत्सव (Bharat Drone Mahotsav) का आज अंतिम दिन है। इस महोत्सव में दिखाई गई भारत की पहली उड़ने वाली टैक्सी (Flying taxi) ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इसे भविष्य की सवारी के रूप में देखा जा रहा है। इसे उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की श्रेया रस्तोगी ने बनाया है।
श्रेया ने 2018 में अमेरिका के कैफिफोर्निया विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने नासा के लिए नया स्पेससूट मटेरियल बनाने के लिए काम किया। इसके बाद भारत की पहली उड़ने वाली टैक्सी विकसित करने वाली टीम का हिस्सा बनीं।
हेलिकॉप्टर की तरह सीधे हवा में उड़ेगी टैक्सी
उनकी कंपनी ePlane ने भारत ड्रोन महोत्सव में अपनी उड़ने वाली इलेक्ट्रिक टैक्सी e200 का प्रोटोटाइप प्रदर्शित किया है। यह हेलिकॉप्टर की तरह सीधे हवा में उड़ सकती है और जमीन पर लैंड कर सकती है। इसमें दो सीट हैं। एक पायलट और दूसरा यात्री के लिए। इसके इंजन को अभी विकसित किया जा रहा है। इसमें 12 प्लास्टिक पेपर रोटर ब्लेड लगे हैं।
ड्रोन महोत्सव में आए लोग इस टैक्सी को देख आश्चर्यचकित हो रहे हैं। लोग पूछते हैं क्या एक दिन ऐसा भी आएगा जब हम ऑटो की तरह उड़ने वाली टैक्सी की सवारी कर पाएंगे। अपनी उड़ने वाली टैक्सी के बारे में रस्तोगी कहती हैं कि कुछ लोगों के मन में हमारी परियोजना के बारे में संदेह हो सकता है, लेकिन सच्चाई यह है कि वह दिन दूर नहीं जब शहरों में ये टैक्सियां उड़ान भरती नजर आएंगी। भारत में जल्द ही इसके लिए रास्ते खुलेंगे।
160 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी अधिकतम स्पीड
रस्तोगी ने बताया कि हम हवा में उड़ने वाले एक ऐसे वाहन को बना रहे हैं, जिसे ऑपरेट करना आसान होगा। इसे लोग अपने घर के छत से उड़ा सकेंगे और सीधे छत पर लैंड करेंगे। हमारी उड़ने वाली टैक्सी का रेंज 200 किलोमीटर होगा। यह अधिकतम 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ सकेगी और तीन हजार मीटर की ऊंचाई तक जाएगी।
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रस्तोगी ने कहा कि अभी जिस E200 को बनाया गया है उसकी लंबाई 5 मीटर और चौड़ाई 5 मीटर है। हम इसका एक छोटा मॉडल भी बना रहे हैं। उसकी लंबाई 3 मीटर और चौड़ाई 3 मीटर होगी। इसे उड़ाने के लिए पायलट की जरूरत नहीं होगी। इसे e50 नाम दिया गया है। अभी इन विमानों के इंजन पर काम हो रहा है। हमारा प्लान है कि 2023 तक पहला फ्लाइट ट्रायल हो जाए।
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