सार

चीन के वैज्ञानिकों ने अमेरिकी अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) की स्टारलिंक सैटेलाइट्स (Starlink Satellites) को नष्ट करने का प्लान बनाया है। चीन का अनुमान है कि स्टारलिंक कनेक्शन अमेरिकी ड्रोन और स्टील्थ फाइटर जेट्स की डेटा ट्रांसमिशन स्पीड को 100 गुना से अधिक बढ़ा सकता है।

बीजिंग। चीन के वैज्ञानिकों ने ऐसा प्लान बनाया है, जिससे अमेरिकी अरबपति एलन मस्क (Elon Musk) की स्टारलिंक सैटेलाइट्स (Starlink Satellites) खतरे में पड़ गईं हैं। चीन का दावा है कि खतरा होने पर उसके पास इन सैटेलाइट्स को नष्ट करने की क्षमता है। चीनी सेना के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च प्रकाशित किया है, जिसमें यह कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होने पर एलन मस्क की स्टारलिंक सैटेलाइट्स को बेकार करने की क्या योजना होनी चाहिए।

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार पिछले महीने यह स्टडी प्रकाशित हुई। इसमें वैज्ञानिकों ने स्टारलिंक के उपग्रहों को ट्रैक करने और उनपर नजर रखने के लिए सिस्टम विकसित करने पर बल दिया गया। बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रैकिंग एंड टेलीकम्युनिकेशंस के शोधकर्ता रेन युआनजेन के नेतृत्व में यह अध्ययन किया गया। इसमें सैटेलाइट नष्ट करने के लिए सॉफ्ट और हार्ड किल तरीके को एक साथ लाने की बात की गई। 

अमेरिकी सैन्य क्षमता बढ़ा सकता है स्टारलिंक कनेक्शन 
चीनी सैन्य शोधकर्ताओं का अनुमान है कि स्टारलिंक कनेक्शन अमेरिकी ड्रोन और स्टील्थ फाइटर जेट्स की डेटा ट्रांसमिशन स्पीड को 100 गुना से अधिक बढ़ा सकता है। दरअसल, स्टारलिंक मस्क की अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना है। इसके तहत उनकी कंपनी स्पेसएक्स ने छोटे उपग्रहों को लो-अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च करके सैटेलाइट इंटरनेट नेटवर्क विकसित करने की योजना बनाई है। 

हजारों छोटे उपग्रहों से बना है स्टारलिंक
ये उपग्रह दुनिया भर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवाएं प्रदान करेंगे, जिसमें दूरस्थ क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसकी मदद से दूर दराज के इलाकों में भी इंटरनेट की सुविधा मिल सकती है। स्टारलिंक हजारों छोटे उपग्रहों से बना है। चीनी की योजना उन सभी को नष्ट करने की है। इन्हें मिसाइल से नष्ट करने पर लागत बहुत अधिक आएगी। इसके चलते शोधकर्ताओं ने माइक्रोवेव तकनीक या छोटे उपग्रहों का उपयोग करने का सुझाव दिया है।

यह भी पढ़ें- UNICEF की चौंकाने वाली रिपोर्ट, दुनियाभर के बच्चों की जिंदगी खतरे में डाल रहे अमीर देश, पर्यावरण का मुद्दा

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में रूस की रोस्कोस्मोस अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख दिमित्री रोगोजिन ने मस्क को धमकी दी थी। मस्क के स्टारलिंक उपग्रहों से यूक्रेन को सैन्य संचार में मदद दी गई थी। रोगोजिन ने मस्क को संभावित नतीजों के बारे में चेतावनी दी थी।

यह भी पढ़ें- नेपाल में 10 साल में 17,790 महिलाओं से रेप, 1980 में इन तीन लड़कियों के साथ क्या हुआ था, आज तक पता नहीं चला