Commonwealth Games 2022: पानवाले के बेटे ने भारत को दिलाया सिल्वर, 13 साल की उम्र में शुरू किया था खेल

महाराष्ट्र के सांगली के संकेत सरगर ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 (Commonwealth Games 2022) में भारत को पहला पदक दिलाया है। वह सिर्फ एक किलोग्राम से गोल्ड मेडल से चूक गए। उनके पिता पान की दुकान और फूड स्टॉल चलाते हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 30, 2022 11:42 AM IST / Updated: Jul 30 2022, 06:11 PM IST

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के संकेत सरगर (Sanket Sargar) ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 (Commonwealth Games 2022) में भारत को पहला पदक दिलाया है। 21 साल के संकेत ने बर्मिंघम में पुरुषों की 55kg वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। संकेत के पिता पान की दुकान चलाते हैं। उन्होंने 13 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था। 

संकेत ने कुल 248kg (स्नैच में 113kg, क्लीन एंड जर्क में 135kG) के साथ रजत पदक जीता। वह मलेशिया के अनीक मोहम्मद से पीछे रहे। अनीक ने कुल 249kg (स्नैच में 107kg, क्लीन एंड जर्क में 142kg) के साथ स्वर्ण पदक जीता। संकेत को दूसरे क्लीन एंड जर्क प्रयास में 139kg वजन उठाने की कोशिश करते समय कोहनी में चोट लग गई थी, जिसके चलते वह आगे प्रयास नहीं कर सके। वह सिर्फ एक किलोग्राम से गोल्ड से चूक गए। श्रीलंका की दिलंका योदगे ने कुल 225kg के साथ कांस्य पदक जीता।

नेशनल चैंपियन संकेत खेलो इंडिया यूथ गेम्स और 2020 में खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में शामिल हुए थे। वह वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए पदक जीतने वाले फेवरेट खिलाड़ियों में से एक थे। संकेत ने 13 साल की उम्र में खेलना शुरू किया था। ताशकंद में कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2021 सहित प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में उन्होंने हिस्सा लिया। उनके पिता महाराष्ट्र के सांगली में पान की दुकान और फूड स्टॉल चलाते हैं। घर पर रहने के दौरान संकेत अपने पिता की काम में मदद करते हैं।

सरगर बोले- बेहतर कर सकता था
सरगर ने कहा,"लिफ्ट के दौरान कोई गलती नहीं हुई थी। मुझे अपनी दाहिनी कोहनी पर अचानक भार महसूस हुआ। इसलिए मैं इसे नियंत्रित नहीं कर सका तभी क्लिक की दो आवाज सुनाई दी। ट्रेनिंग के दौरान में 143kg उठाता हूं। मैं खुद से खुश नहीं हूं। मैं पिछले चार साल से केवल सोने के लिए प्रशिक्षण ले रहा हूं। मैं थोड़ा खुश हूं, लेकिन ज्यादातर महसूस करता हूं कि मैं बेहतर कर सकता था। मैंने अपने राष्ट्रीय रिकॉर्ड से आगे जाने का जोखिम नहीं उठाया, क्योंकि लिफ्ट पूरा करना भी महत्वपूर्ण है।"

स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित किया पदक
सरगर ने कहा,"सोना दांव पर था इसलिए मैंने 139kg भार उठाने का जोखिम लिया। वजन उठाने से पहले सर (कोच विजय शर्मा) ने मुझसे पूछा था कि आगे बढ़ना चाहते हो क्या? पहले वह मुझे रोकना चाहते थे, लेकिन बाद में मेरा हौसला बढ़ाया। प्रैक्टिस के दौरान मैं इससे ज्यादा उठाता था। मैं डोप के नमूने एकत्र किए जाने के बाद एक्स-रे के लिए जाऊंगा। इसके बाद वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मैं यह पदक उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित करना चाहता हूं जिन्होंने अपने जीवन की परवाह नहीं की और हमें स्वतंत्रता दिलाई। मैं सोना हारने से निराश हूं। उम्मीद है कि मजबूत होकर वापसी करूंगा।"

चार साल पहले किया था राष्ट्रमंडल खेल में पदक जीतने का निश्चय
संकेत ने चार साल पहले राष्ट्रमंडल खेल में पदक जीतने का निश्चय किया था। वह खाली वक्त में पिता की दुकान पर पान बेचते थे। उन्होंने बताया था कि वह दिन 5 अप्रैल 2018 था। मैं एक ग्राहक को पान बनाकर दे रहा था। उसी समय टीवी पर भी नजर थी। कॉमनवेल्थ गेम्स चल रहे थे। 56 किलोग्राम कैटेगरी में पुजारी गुरुराज हिस्सा ले रहे थे। उसी वक्त मैंने तय किया था कि अगली बार मैं जाऊंगा। पक्का मैं वहां जाऊंगा। इसके लिए मेहनत करनी होगी। मैं पूरी मेहनत करूंगा।

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संकेत का सपना है कि वह अपने पिता को दुकान पर भागदौड़ करना छोड़ आराम करते देख सकें। बर्मिंघम रवाना होने से पहले उन्होंने कहा था कि अगर मैं गोल्ड जीत लेता हूं तो पिताजी की मदद करूंगा। उन्होंने मेरे लिए काफी कठिन परिश्रम किया है। काफी संघर्ष किया है। अब मैं उन्हें खुशियां देना चाहता हूं।

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