Grand Master बनने के लिए, एक खिलाड़ी को तीन जीएम मानदंडों को सुरक्षित करना होता है और 2,500 एलो पॉइंट्स की लाइव रेटिंग को पार करना होगा।
नई दिल्ली। भारत के चौदह वर्षीय भरत सुब्रमण्यम (Bharath Subramaniyam) देश के 73वें शतरंज ग्रैंडमास्टर बन गए हैं। रविवार को इटली में हुए प्रतियोगिता में भरत ने तीसरा और अंतिम ग्रैंडमास्टर मानदंड हासिल किया। चेन्नई (Chennai) के भरत ने चार अन्य राउंड के साथ नौ राउंड से 6.5 अंक हासिल किए। वह कैटोलिका में आयोजित कार्यक्रम में सातवें स्थान पर रहे। साथी भारतीय खिलाड़ी एम आर ललित बाबू (MR lalit Babu) सात अंकों के साथ टूर्नामेंट में विजेता बनकर उभरे। उन्होंने टॉप रैंकिंग प्राप्त एंटोन कोरोबोव (Ukraine) सहित तीन अन्य लोगों के साथ बराबरी करने के बाद बेहतर टाई-ब्रेक स्कोर के आधार पर खिताब जीता।
फरवरी में पहला ग्रैंड मास्टर मानदंड हासिल किया था
भरत का खेल कोरोबोव (Korobov) और ललित बाबू (Lalit Babu) के खिलाफ दो गेम हारते हुए छह जीत और एक ड्रॉ के साथ समाप्त हुआ। भरत ने फरवरी 2020 में मॉस्को में Aeroflot Open में 11 वां स्थान हासिल करने के बाद अपना पहला जीएम मानदंड हासिल किया था। उन्होंने अक्टूबर 2021 में 6.5 अंकों के साथ बुल्गारिया में जूनियर राउंडटेबल अंडर 21 टूर्नामेंट में चौथा स्थान हासिल करने के बाद दूसरा मानदंड हासिल किया।
ग्रैंड मास्टर हासिल करने के लिए यह है मानक
जीएम बनने के लिए, एक खिलाड़ी को तीन जीएम मानदंडों को सुरक्षित करना होता है और 2,500 एलो पॉइंट्स की लाइव रेटिंग को पार करना होगा। भरत के कोच एम श्याम सुंदर जो खुद ग्रैंड मास्टर खिताब हासिल कर चुके हैं, ने सुब्रमण्यम को बधाई दी और ट्वीट किया कि भारत के नवीनतम जीएम बनने के लिए भरत को बधाई! आइए इस नए साल में नए लक्ष्यों पर ध्यान दें !!"
12 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बने थे भरत
सुब्रमण्यम 2019 में 11 साल 8 महीने की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए थे। संकल्प गुप्ता के 71वें जीएम बनने के दो दिन बाद मित्रभा गुहा पिछले नवंबर में देश की 72वीं जीएम बनी थीं।