एनबीए स्टार कोबी ब्रायंट की मौत के बाद से पूरा खेल जगत अब तक सदमे में है। उनकी मौत के बाद से ही इस दुर्घटना को लेकर जांच चल रही है जिसमें एक बड़ी बात सामने आई है।
कैलाबासास. एनबीए स्टार कोबी ब्रायंट की मौत के बाद से पूरा खेल जगत अब तक सदमे में है। उनकी मौत के बाद से ही इस दुर्घटना को लेकर जांच चल रही है जिसमें एक बड़ी बात सामने आई है। इस दुर्घटना की जांच कर रहे अधिकारियों ने क्रैश हुए हेलीकॉप्टर को लेकर बड़ा बयान दिया है।
हेलीकॉप्टर में मौजूद नहीं था अहम सॉफ्टवेयर
आधिकारियों ने बताया कि कोबी ब्रायंट के हेलीकॉप्टर में TAWS नाम का अहम सॉफ्टवेयर मौजूद नहीं था। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो हेलीकॉप्टर के जमीन के करीब पहुंच जाने पर पायलट को चेतावनी देता है। नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड के जेनिफर होमेंडी ने कहा, 'अगर यह सॉफ्टवेयर कोबी के एस-76 हेलीकॉप्टर में मौजूद होता तो शायद इस दुर्घटना से बचा जा सकता था।
यह एक बहुत अहम सॉफ्टवेयर है जो की नियमों के मुताबिक हेलीकॉप्टर में डालना अनिवार्य है। हालांकि 2004 के एक बड़े खतरनाक क्रैश के बाद नेशनल ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बोर्ड ने यह हिदायत थी कि अगर हेलीकॉप्टर में छह से ज्यादा सदस्य हैं तो इसका प्रयोग किया जाना चाहिए।
पायलेट ने बादलों से बचने के लिए किया था ऊपर जाने का फैसला
जेनिफर होमेंडी ने बताया था कि पायलट ने हवाई यातायात नियंत्रकों को अपने आखिरी रेडियो संदेश में बताया था कि वह बादलों से बचने के लिए हेलीकॉप्टर को ऊंचाई पर ले जाने की कोशिश कर रहे थे। इसके तुरंत बाद हेलीकॉप्टर नीचे गिरने लगा और एक पहाड़ी से जाकर टकरा गया। इस हादसे में कोबी ब्रायंट के साथ-साथ उनकी 13 साल की बेटी गियाना की भी जान चली गई। इस हेलीकॉप्टर में कुल नौ लोग सवार थे।