2 साल से अपने बेटों से दूर थी एक मां, रेडियो प्रोग्राम के जरिये हुआ मिलन

2 साल पहले बिहार के खररिया स्टेशन पर फैमिली से बिछुड़ गई थी यह महिला। वहां से भटकती हुई पश्चिम बंगाल के सुंदरबन पहुंच गई थी।

Asianet News Hindi | Published : Sep 13, 2019 11:57 AM IST

कोलकाता. यह कहानी एक ऐसी महिला की है, जो दो साल पहले अपने परिवार से बिछुड़ गई थी। यह केवल अपनी क्षेत्रीय बोली(आदिवासी) के अलावा हिंदी तक नहीं बोल पाती है। लेकिन दो युवकों की सूझबूझ ने महिला की ऑडियो क्लिप एक रेडियो पर प्रसारित कराई। इस तरह महिला की फैमिली मिल गई। संयोग देखिए, वो भी दुर्गा पूजा से ठीक पहले।


स्टेशन पर भटक गई थी...
बिहार की रहने वालीं रमा देवी(45) अपने पति के साथ दिल्ली में रहती थीं। 2 साल पहले पति की मौत के बाद वे बच्चों के साथ रहने बिहार आ रही थीं। इसी बीच खररिया स्टेशन पर वे बिछुड़ गईं। दोनों बेटों ने मां को बहुत ढूढ़ने की कोशिश की , लेकिन नाकाम रहे। आखिर में उन्होंने भी हार मान ली। दूसरी ओर रमा देवी भटकते हुए पश्चिम बंगाल के सुंदरबन जा पहुंचीं। कुछ दिन पहले इस इलाके में रहने वाले एक दुकानदार शुभांकर की नजर रमा देवी पर पड़ी। उस वक्त वे अपनी शॉप बंद कर रहे थे। रमा देवी काफी बीमार थीं। शुभांकर उन्हें पहले मंदिर ले गए। वहां उनके लिए कपड़े और खाने का इंतजाम किया गया। रमा देवी को अपनी क्षेत्रीय बोली के अलावा दूसरी कोई भाषा नहीं आती है। ऐस में लोगों को उनके बारे में जानने में दिक्कत आ रही थी। शुभांकर को एक आइडिया आया। उन्होंने रमा देवी की उनकी एक ऑडियो क्लिप रिकार्ड की। इसमें वे अपने बारे में बता रही थीं। इस क्लिप को शुभांकर ने एक रेडियो स्टेशन पर काम करने वाले अपने दोस्त को भेजा। यह क्लिप रेडियो पर प्रसारित की गई। एक श्रोता को इस बोली का ज्ञान था। उसने ट्रांसलेट करके बताया कि रमा कहां की रहने वाली हैं। आखिर में पुलिस की मदद से रमा देवी को बिहार उनके घर पहुंचा दिया गया।

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