जिंदगी की आखिरी उड़ान, सामने मौत का मंजर देखकर लोगों की निकल गईं चीखें

सार

पैराग्लाइडर क्रैश होने की एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। पहले भी ऐसे एक्सीडेंट सामने आते रहे हैं, जिनमें एडवेंचर के दौरान मौतें हुई हैं। नया मामला हिमाचल प्रदेश के मनाली का है। यहां एक पैराग्लाइडर क्रैश होने से एक हैदराबाद के एक डॉक्टर की मौत हो गई।

मनाली. पैराग्लाइडिंग के जरिये आसमां छू लेने का एडवेंचर कुछ मामलों में खतरनाक साबित हुआ है। नया मामला शनिवार का है। यहां पैराग्लाइडर क्रैश होने से हैदराबाद के निवासी एक डॉक्टर चंद्रशेखर रेड्डी(25) की मौत हो गई।  करीब 300 फीट की ऊंचाई पर उनका पैराग्लाइडर क्रैश  हो गया था। एक्सीडेंट में पायलट जोगिंद्र(27) गंभीर रूप से घायल हो गया। पुलिस ने बताया कि पैराग्लाइडर ने मनाली के मझाझ से शनाग के बीच उड़ान भरी थी। मृतक छुट्टियां मनाने मनाली आया हुआ था। एसपी कुल्लू गौरव सिंह ने बताया कि जोगिंद्र को तत्काल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उसकी हालत गंभीर है।

मार्च में हुआ था ऐसा ही हादसा..
पिछले मार्च में आगरा के मलपुरा क्षेत्र में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। वहां ड्रॉपिंग जोन में ट्रेनिंग के दौरान 6000 फीट की ऊंचाई पर पैराशूट न खुलने पर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले एक जवान की मौत हो गई थी। पैरा ट्रूपर अमित कुमार पुत्र शक्ति सिंह आगरा में पैरा ट्रूपिंग की ट्रेनिंग ले रहे थे। जब उन्होंने 6000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई, तो पैराशूट नहीं खुला। वे सीधे जमीन पर आकर गिरे। सेना के जवान उन्हें हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका।

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हाथों में उलझीं पैराशूट की रस्सियां
नवंबर 2018 में 11000 फुट की ऊंचाई से गिरने से एक जवान की मौत हो गई थी।  पैरा ब्रिगेड के जवान हरदीप सिंह (26) पटियाला के रहने वाले थे। बताते हैं कि जब उन्होंने आसमां से छलांग मारी, तो पैराशूट की रस्सियां उनके हाथों में उलझ गईं। इससे पैराशूट नहीं खुला और वे सीधे जमीन पर आकर गिर पड़े।

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