कभी मुस्कराते, तो कभी रोकर बेटी कहती है- 'मां, अपना ख्याल रखना, मैं भी अच्छे से रहूंगी'

मोरबी, गुजरात. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने देशभर में लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान कोरोना वॉरियर्स शिद्दत से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। सबसे बड़ी बात, देशभर में अपनी ड्यूटी करते हुए कई कोरोना वॉरियर्स खुद भी संक्रमित हुए, फिर भी वे पीछे नहीं हटे। जोश और समर्पण की भावना में कोई कमी नहीं आई। इस महामारी में पुलिस-हेल्थ-सफाई-बैंक और अन्य क्षेत्रों में ऐसी महिलाएं भी ड्यूटी कर रही हैं, जिनके बच्चे छोटे हैं। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जो रिश्तों की मजबूती और मजबूरी को दिखाते हैं। भावुक करने वालीं ये तस्वीरें दुनिया की असली ताकत भी दिखाती हैं, मुसीबतें रिश्तों में और मजबूती लाती हैं। ये तस्वीरें रुलाती हैं, तो साहस भी पैदा करती हैं।

Asianet News Hindi | Published : Apr 18, 2020 4:51 AM IST / Updated: Apr 18 2020, 10:29 AM IST

15
कभी मुस्कराते, तो कभी रोकर बेटी कहती है- 'मां, अपना ख्याल रखना, मैं भी अच्छे से रहूंगी'

यह तस्वीर गुजरात के मोरबी जिले के वांकानेर शहर की रहने वाली पीएसआई पूजा बेन मोलिया और उनकी ढाई साल की बेटी धर्मी की है। जब पूजा अपनी ड्यूटी के लिए घर से निकलती हैं, तो बेटी बड़े प्यार से कहती है- मां मैं अपना ध्यान रखूंगी..आप भी अपना रखना।' यह कहते हुए कभी वो मुस्कराती है, तो कभी आंखों में आंसू आ जाते हैं। पूजा कहती हैं कि जब भी उन्हें समय मिलता है, वे वीडियो कॉल के जरिये बेटी से बात कर लेती हैं। बेटी के प्यारभरे शब्द सुनकर उनका जोश बढ़ जाता है।

25

यह कहानी पंजाब के लुधियाना की रहने वाली 25 वर्षीय नर्स सतनाम कौर उर्फ सिमरन की है। सिमरन की मां को पिछले 10 साल से शुगर है। वहीं, पिता को पांच साल पहले पैरालिसिस का अटैक आया था। तब से वे बिस्तर पर हैं। जब पिता को पता चला कि उनकी बेटी की ड्यूटी आइसोलेशन वार्ड में लगाई गई है, तो पहले वे चिंतित हो उठे। लेकिन जब बेटी का साहस देखा, तो उन्हें गर्व हुआ। कई बार जब बेटी ड्यूटी पर निकलती है, बिस्तर पर पड़े पिता की आंखें भर आती हैं, लेकिन जैसे ही बेटी मुस्कराती है, तो सारा डर दूर हो जाता है। 

35

यह तस्वीर अमृतसर की है। यहां इस महिला के पति का टेस्ट पॉजिटिव निकलने पर उसे जब आइसोलेशन में भेजा जा रहा था, तो वो बिलख पड़ी। यह देखकर दूर खड़े लोगों की आंखों में भी आंसू निकल आए। कोरोना संकट के दौरान भावुक करने वालीं ऐसी कई तस्वीरें सामने आई हैं।

45

यह तस्वीर पंजाब गुरदासपुर की है। बेटे को सीने से चिपकाए दीपक नामक यह पिता सुनसान सड़क पर तेज कदमों से चला जा रहा था। पीछे-पीछे बच्चे की मां घबराई सी आ रही थी। बच्चे को सर्दी-खांसी थी। इसे मां-बाप घबराये हुए थे। संयोग से एक राहगीर फरिश्ता बनकर सामने आया और दम्पती को बब्बरी स्थित सिविल हॉस्पिटल पहुंचाया। तब मां-पिता की जान में जान आई।

55

यह कहानी पंजाब के लुधियाना की है। यह हैं देवदत्त राम। 20 मार्च को फैक्ट्री में काम करते हुए इनकी पत्नी का पैर कट गया था। इनके पास इतने पैसे नहीं थे कि पत्नी को एम्बुलेंस से हॉस्पिटल तक ले जा सकें। लिहाजा, ये अपनी अर्धांगिनी को साइकिल पर बैठाकर हॉस्पिटल तक ले गए। यह तस्वीर बताती है कि प्यार की अहमियत संकट में समझ आती है।

Share this Photo Gallery
click me!
Recommended Photos