गुजरात चुनाव से पहले छूटने लगा 'हाथ' : कांग्रेस के दो दिग्गज नेता अब AAP के साथ, जानिए कितना बड़ा झटका

पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी की नजर दूसरे राज्यों में है। गुजरात में भी पार्टी लगातार कैंपेन चला रही है। ऐसे में दूसरी पार्टी के नेताओं का उसके साथ आना उसे बड़ा फायदा पहुंचा सकता है। हाल ही में अरविंद केजरीवाल ने राज्य का दौरा भी किया था।

Asianet News Hindi | Published : Apr 14, 2022 10:13 AM IST

अहमदाबाद : गुजरात में इसी साल आखिरी में विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election 2022) है। इससे पहले ही कांग्रेस में हाथ छोड़ने का सिलसिला शुरू हो गया है, जो पार्टी के लिए बड़ा झटका हो सकता है। गुरुवार को कांग्रेस (Congress) के दो दिग्गज नेताओं ने आम आदमी पार्टी (AAP) का दामन थाम लिया है। दिल्ली में कांग्रेस नेता इंद्रनील राजगुरु (Indranil Rajyaguru) और वाशरंभाई सगथिया (Vasram Sagathia) अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की मौजूदगी में आप में शामिल हो गए।

कांग्रेस से नाराजगी क्यों
इंद्रनील राजगुरु के लंबे समय से पार्टी से नाराजगी की खबरें थी। ज्यादा दिन नहीं बीते जब उन्होंने कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा से मुलाकात भी की थी लेकिन कोई हल नहीं निकलने के बाद उन्होंने यह कदम उठाया। राजगुरु ने 2012 में राजकोट पूर्व सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। ​​2017 में उन्होंने राजकोट पश्चिम सीट से तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को टक्कर दी। हालांकि वे चुनाव हार गए थे।

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राजगुरु पहले भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस
वहीं दूसरे नेता राजगुरु पहले भी कांग्रेस छोड़ चुके हैं। 2018 में संगठन के कामकाज से नाखुश होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव में कई नेता पार्टी के खिलाफ गतिविधियं चला रहे थे लेकिन उनपर एक्शन लेने की बजाय पार्टी ने उन्हें सम्मान दिया। हालांकि एक साल बाद ही 2019 में उन्होंने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया था। आप में शामिल होने के बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल की तारीफ की और कहा कि इस बार राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी।

कांग्रेस को कितना नुकसान
दोनों नेताओं का अपने-अपने क्षेत्र में अच्छा-खासा प्रभाव है। आम आदमी पार्टी में इनके जाने के बाद समर्थक भी जल्द ही कांग्रेस से किनारा कर सकते हैं। चूंकि राज्य में जल्द ही चुनाव है ऐसे में अगर कांग्रेस ने अपने नेताओं को नहीं साधा तो उसके लिए काफी नुकसान हो सकता है। बता दें कि इस साल नवंबर या दिसंबर में राज्य में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। 18 फरवरी, 2023 को वर्तमान सरकार का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

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