कुछ दिन बाद मां-बाप बनने वाले थे पति-पत्नी, लेकिन तिंरगा फहराने गए तो जिंदा नहीं लौटे..रहस्य बनी मौत

 गुजरात से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां 15 अगस्त को तिरंगा फहराने गई वन विभाग की बीट गार्ड महिला का उसके पति और एक श्रमिक का जंगल में शव मिला। पुलिस ने पोरबंदर के जंगल में एक नहर के पास से तीनों के शब बरामद किए गए।

Asianet News Hindi | Published : Aug 17, 2020 1:47 PM IST

पोरबंदर. गुजरात से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां 15 अगस्त को तिरंगा फहराने गई वन विभाग की बीट गार्ड महिला का उसके पति और एक श्रमिक का जंगल में शव मिला। पुलिस ने पोरबंदर के जंगल में एक नहर के पास से तीनों के शब बरामद किए गए। फिलहाल उनकी मौत रहस्य बनी हुई है, क्योंकि अभी तक मौत के सही वजह का पता नहीं चल सका है। पुलिस ने  शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

पति के साथ ड्यूटी करने गई थी पत्नी
बता दें कि हेतलबेन राठौड़ नाम की महिला पोरबंदर वन विभाग में बीटगार्ड है। वह शनिवार को पति कीर्तिभाई और श्रमिक भूराभाई के साथ अपनी कार से अपनी बीट गोढ़ाणा ड्यूटी करने के लिए गई थी। दोपहर करीब 3 बजे के बाद तीनों के मोबाइल नंबर बंद बताने लगे। घरवालों का कहना है कि हेतल ने तीन बजे तक सबसे बात की थी और कुछ देर बाद घर पहुंचने की बात कही थी। लेकिन अचानक उनका फोन नेटवर्क से बाहर बताने लगा।

2 दिन तक चलाया गया सर्च अभियान
जब शाम तक पति-पत्नी घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को चिंता होने लगी और वह पुलिस के पास पहुंचे। जहां वन विभाग, एलसीबी, एसओजी की टीमे तीनों को जगह-जगह तलाशती रहीं, हेतलबेन का मोबाइल फोन भी ट्रेस करने की कोशिक की। दो दिन खोज करने के बाद सोमवार दोपहर में तीनों के शव जंगल से मिले।

8 महीने की गर्भवती थी फॉरेस्ट गार्ड महिला
महिला के परिजनों ने बताया कि हेतल को 8 महीने का गर्भ था और वह कुछ दिनों बाद छुट्टी पर जाने वाली थी। महिला का पति कीर्तिभाई भी सरकारी कर्मचारी था। वह बहुत ही खुश था कि वो कुछ दिनों बाद पिता जो बनने वाला था। लेकिन उससे पहले ही पति-पत्नी की मौत हो गई। बता दें कि हेतलबेन और कीर्तिभाई के अलावा श्रमिक भूराभाई सुरेंद्रनगर के पाटडी तहसील के सडला गांव के रहने वाले थे। 

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