कौन हैं हिमाचल के चीफ जस्टिस बनने वाले रवि विजयकुमार, ऐसा है एडवोकेट से न्यायाधीश बनने तक का सफर

25 मई 1962 को जन्मे जज रवि विजयकुमार ने 1987 को कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत से अपने करियर की शुरूआत की थी। इसके बाद वह उन्होंने बतौर अधिवक्ता संवैधानिक, सिविल, आपराधिक, श्रम और सेवा मामलों में विशेषज्ञा हासिल की। फिर  8 फरवरी 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए। (फाइल फोटो)

Asianet News Hindi | Published : Jun 28, 2021 7:48 AM IST / Updated: Jun 28 2021, 01:23 PM IST

शिमला (हिमाचल). न्यायाधीश रवि विजयकुमार मलीमथ को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। उन्होंने सोमवार को न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया। उन्हें राज्य के उच्च न्यायालय में आयोजित साधारण समारोह में शपथ दिलाई गई। बता दें कि इससे पहले विजयकुमार हिमाचल में ही कार्यवाहक न्यायमूर्ति के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

1987 से शुरू की थी वकालत..अब बने मुख्य न्यायाधीश
दरअसल, 25 मई 1962 को जन्मे जज रवि विजयकुमार ने 1987 को कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत से अपने करियर की शुरूआत की थी। इसके बाद वह उन्होंने बतौर अधिवक्ता संवैधानिक, सिविल, आपराधिक, श्रम और सेवा मामलों में विशेषज्ञा हासिल की। फिर  8 फरवरी 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए। दो साल बाद ही 17 फरवरी 2010 में वह स्थायी न्यायाधीश बन गए।

एक साल पहले उत्तराखंड हाई कोर्ट में बने न्यायाधीश
सुप्रीम कोर्ट  की तरफ से न्यायमूर्ति रवि विजयकुमार मलीमथ का मार्च 2020 में तबदाला उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के लिए कर दिया गया। जहां उन्होंने उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का पदभार संभाला। चार महीने बाद ही 28 जुलाई 2020 को विजयकुमार को उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।

Share this article
click me!