कुंभ मेले में 50 बेड के अस्पताल का उद्घाटन, पीएम मोदी के संदेश पर हो रहा संचालित

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नारायण सेवा न केवल दिव्यांगों के सशक्तीकरण की दिशा में काम कर रहा है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी निरंतर प्रयास कर रहा है।”

Asianet News Hindi | Published : Apr 3, 2021 2:42 PM IST

हरिद्वार (Uttarakhand) । कुम्भ मेला में शनिवार को उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने 50 बिस्तर वाले मेक-शिफ्ट अस्पताल का उद्घाटन किया। नारायण सेवा संस्थान द्वारा स्थापित अस्थायी अस्पताल में 20 दिव्यांगों को कृत्रिम अंग, 35 की ओपीडी और जरूरतमंदों को भोजन वितरण किया जा रहा है। यह अभियान प्रधानमंत्री के ‘दो गज दूरी, मास्क है जरूरी’ संदेश के अनुरूप संचालित किया जा रहा है। अस्पताल की स्थापना के साथ-साथ साफ स्वच्छता और मास्क पहनने के अलावा कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

अस्पताल में है ये सुविधाएं
संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि कुंभ के बीच, अस्पताल में चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, ऑपरेशन थियेटर, प्लास्टर रूम, प्रोस्थेसिस और ऑर्थोटिक्स कार्यशाला और कैलिपर कार्यशाला की सुविधाएं शुरु हो गई है। एनएसएस नि: शुल्क लागत माप और कृत्रिम अंग वितरण शिविर प्रतिदिन संचालित करेगा। इस मौके पर संस्थान निदेशक पलक अग्रवाल भी उपस्थित रही।

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वंचितों को समाज की मुख्यधारा में लाने का रहा है प्रयास
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा, “1985 से, नारायण सेवा संस्थान ने जरूरतमंदों और वंचितों को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हमेशा आगे आया है। हमें खुशी है कि कुम्भ मेला 2021 में तीर्थयात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की जरूरतों को भी पूरा करने के लिए अस्थायी अस्पताल की स्थापना की है। 

एनएसएस का जारी है निरंतर प्रयास
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि नारायण सेवा न केवल दिव्यांगों के सशक्तीकरण की दिशा में काम कर रहा है, बल्कि उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी निरंतर प्रयास कर रहा है।”

एनएसएस मित्र तीर्थ यात्रियों की कर रहा मदद
संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि “हमें खुशी है कि एनएसएस मित्र तीर्थ यात्रियों की मदद करने का यह अवसर लेना चाहेगा, क्योंकि यह हरिद्वार के पवित्र स्थान पर लाखों तीर्थयात्रियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की जरूरतों को पूरा करने का एक बड़ा अवसर है। तीर्थयात्रियों और दिव्यांग लोगों को आमंत्रित करते हुए, मैं आशा करता हूं कि सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित नियमों का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है।”

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