बच्चों के लिए खेलना जिंदगी में काफी मायने रखता है। अगर बच्चों को खेलने को नहीं मिले, तो उनका रूठना और रोना जायज है। यह मामला भी बच्चों के खेलकूद से जुड़ा है। यह कहानी केरल के कोझिकोड से जुड़ी है। यहां 8 साल के बच्चे के साथ उसकी बड़ी बहन और अन्य चार छोटी बच्चियां नहीं खेलती थीं। लड़के ने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। गुस्से में बच्चा शिकायत लेकर थाने पहुंच गया।
कोझिकोड, केरल. किसी बच्चे को खेलने को नहीं मिले, तो सोचिए उसके दिल पर क्या बीतती होगी? बच्चों के लिए खेलना जिंदगी में काफी मायने रखता है। अगर बच्चों को खेलने को नहीं मिले, तो उनका रूठना और रोना जायज है। यह मामला भी बच्चों के खेलकूद से जुड़ा है। यह कहानी केरल के कोझिकोड से जुड़ी है। यहां 8 साल के बच्चे के साथ उसकी बड़ी बहन और अन्य चार छोटी बच्चियां नहीं खेलती थीं। लड़के ने कई बार उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। गुस्से में बच्चा शिकायत लेकर थाने पहुंच गया। उसे थाने में देखकर पुलिस अफसर भी हैरान रह गए। हालांकि बाद में उन्होंने बच्चे की बात सुनी और फिर उसके घर जाकर सभी बच्चों को बैठाकर समझाया।
पुलिस की समझाइश पर बड़ी बहनों ने मानी बात..
8 साल के बच्चे उमर ने एक कागज पर अंग्रेजी में शिकायत लिखी थी। इसमें उसने कहा कि उसकी बड़ी बहन और चार अन्य छोटी लड़कियों उसे साथ में नहीं खिलातीं। बच्चे की शिकायत पर सिविल पुलिस अधिकारी यूपी उमेश और केटी निराज बच्चे के साथ उसके घर पहुंचे। इसके बाद बच्चियों उसे खिलाने को तैयार हो गईं। बच्चा शिकायत लेकर जनमैथरी थाने पहुंचा था।
उमर ने पुलिस को बताया कि वो लूडो-बैडमिंटन और चोर-सिपाही खेलने में रुचि रखता है। लेकिन कोई उसके साथ नहीं खेलता था। जब उसने अपने पापा से शिकायत की, तो उन्होंने कुछ नहीं किया। चूंकि पिता ने मजाक में बोल दिया था कि पुलिस में शिकायत कर दो, तो बच्चा सचमुच थाने जा पहुंचा।