उत्तरभारत में बर्फबारी से जोर पकड़ेगी ठंड, दुनिया में सबसे ऊंचाई पर बने कृष्ण मंदिर ने ओढ़ी सफेद चादर

दिसंबर ज्यों-ज्यों आगे बढ़ रहा है उत्तरभारत में ठंड भी जोर पकड़ रही है। दिल्ली और उत्तरभारत में रिकॉर्ड सामान्य से कम तापमान को देखते हुए अनुमान है कि इस साल अधिक ठंड पड़ेगी। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में उत्तरप्रदेश, उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य-पूर्व भारत में तापमान सामान्य से कम रहेगा। यह तस्वीर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर की रोराघाटी स्थित युला कुंडा झील में स्थित कृष्ण मंदिर की है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 5, 2020 5:02 AM IST

(फोटो क्रेडिट-दैनिक भास्कर)

दिल्ली.  इस साल देश में अधिक ठंड पड़ने का अनुमान है। इसकी वजह ला नीना का प्रभाव बताया जाता है। भारतीय मौसम विभाग (India Meteorological Department) के डीजी डॉ. एम. महापात्रा के अनुसार इस समय प्रशांत महासागर के पूर्व और मध्य में तापमान सामान्य से कम है। यहां ला नीना के हालात हैं। ठंड के अंत तक यहां ऐसी ही स्थिति रहेगी। बता दें कि ला नीना को स्पेनिश भाषा में छोटी बच्ची कहते हैं। इसका उच्चारण‘ला-नीन-युह' है।  इसका दुनियाभर में प्रभाव पड़ता है। ला नीना प्रशांत महासागर के ऊपर हवाओं का एक ठंडा फेज होता है। यानी जब गर्म पानी आगे बढ़ता है, तो ठंडा पानी ऊपर सतह पर आ जाता है। इससे ठंड अधिक पड़ती है। दिल्ली और उत्तरभारत में रिकॉर्ड सामान्य से कम तापमान को देखते हुए अनुमान है कि इस साल अधिक ठंड पड़ेगी। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में उत्तरप्रदेश, उत्तर-पश्चिम भारत और मध्य-पूर्व भारत में तापमान सामान्य से कम रहेगा।

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 यह तस्वीर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर की रोराघाटी स्थित युला कुंडा झील में स्थित कृष्ण मंदिर की है। यह झील बर्फ में जमी हुई है। यहां तापमान -14 तक पहुंच गया है। झील के बीच में बना कृष्ण मंदिर दुनिया में सबसे ऊंचाई पर बना मंदिर माना जाता है। यह समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर है। यह हिमाचल प्रदेश का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है। यहां जाने के लिए शिमला से 194 किमी. दूर किन्नौर के टापरी तक आना होता है। यहां से तीन किमी पैदल चलकर बेस कैंप पहुंचा जा सकता है। फिर 9 किमी की ट्रैकिंग के बाद यहां पहुंच सकते हैं। हालांकि बर्फबारी के कारण यह मंदिर कई महीने बंद रहेगा। कहते हैं कि इस झील का पानी औषधीय गुणों से भरपूर है। दावा किया जाता है कि मंदिर की परिक्रमा करने से कई रोग दूर हो जाते हैं।

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