गुजरात में एक अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ एक गिरफ्तारी वारंट जारी किया। यह आदेश 2015 के देशद्रोह मामले में अदालत के समक्ष पेश होने में नाकाम रहने को लेकर जारी किया गया है।
अहमदाबाद. गुजरात में एक अदालत ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ एक गिरफ्तारी वारंट जारी किया। यह आदेश 2015 के देशद्रोह मामले में अदालत के समक्ष पेश होने में नाकाम रहने को लेकर जारी किया गया है।
20 दिनों में दूसरी बार जारी किया गया वारंट
बीस दिनों में यह दूसरी बार है, जब अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी जी गनात्रा की अदालत ने मामले की सुनवायी के दौरान अनुपस्थित रहने का लेकर पटेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। इससे पहले, 18 जनवरी को पटेल को उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था, जब न्यायाधीश गनात्रा ने उनके खिलाफ एक गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। न्यायाधीश गनात्रा ने उक्त गिरफ्तारी वारंट पटेल द्वारा निजी पेशी से छूट का अनुरोध करने वाली अर्जी के खिलाफ सरकार की याचिका स्वीकार करते हुए जारी किया था।
कार्यवाही में सहयोग करने के शर्त पर मिली थी जमानत
चार दिन बाद अदालत ने पटेल को इस शर्त पर जमानत प्रदान की थी कि वह अदालती कार्यवाही में सहयोग करेंगे और तब तक स्थगन का अनुरोध नहीं करेंगे, जब तक कोई वाजिब कारण नहीं हो। उस समय अदालत ने इस बात पर गौर किया था कि पटेल कार्यवाही में सहयोग नहीं करके और अनुपस्थित रह कर अपनी जमानत की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। हालांकि, जब पटेल एक बार फिर शुक्रवार को अनुपस्थित रहे तो अदालत ने एक नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
हार्दिक पर 20 से अधिक मामलें हैं दर्ज
अदालत ने पटेल के वकील की यह दलील स्वीकार नहीं की कि हार्दिक इसलिए पेश नहीं हो सके कि एक अन्य मामले में उनकी अग्रिम जमानत अर्जी एक अन्य अदालत में लंबित है और यदि वह यहां पेश होंगे तो वह गिरफ्तार हो जाएंगे। पटेल कुल 20 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं, जिसमें दो मामले देशद्रोह से संबंधित हैं। ये सभी मामले 2015 में उनके द्वारा पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व किये जाने के बाद समूचे राज्य में दर्ज किए गए।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)