कितना जरूरी है पिछली सीट पर सीटबेल्ट लगाना, सरकार ने क्यों बढ़ाया जुर्माना

टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत के बाद पिछली सीट पर भी सीट बेल्ट की अहमियत सामने आई। महाराष्ट्र के पालघर में बीते 4 सितंबर को रोड एक्सीडेंट में साइरस मिस्त्री की मौत हो गई थी। अब कर्नाटक सरकार ने नया नियम लागू किया है कि पिछली सीट पर भी सीट बेल्ट नहीं बांधा तो 1000 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा।

Manoj Kumar | Published : Oct 20, 2022 4:41 AM IST / Updated: Oct 20 2022, 10:50 AM IST

Seat Belt For Rear Seats Karnatka. टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री की मौत के बाद पिछली सीट पर भी सीट बेल्ट की अहमियत सामने आई। महाराष्ट्र के पालघर में बीते 4 सितंबर को रोड एक्सीडेंट में साइरस मिस्त्री की मौत हो गई थी। अब कर्नाटक सरकार ने नया नियम लागू किया है कि पिछली सीट पर भी सीट बेल्ट नहीं बांधा तो 1000 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा।

क्या है सीटबेल्ट रूल्स
केंद्रीय मोटर वाहन नियम (1989) की धारा 138 (3) में कहा गया है कि जिस कार में नियम 125 या नियम 125 के उप-नियम (1) या उप-नियम (1-ए) के तहत सीटबेल्ट प्रदान किया गया है, उसमें कार चालक और आगे की सीट पर बैठे व्यक्ति को सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। इलके अलावा 5 सीटर कारों में पीछने बैठने वाले यात्रियों को सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। साथ ही ऐसी 7 सीटर कार जिसमें पीछे बैठे यात्रियों का फेस सामने की तरफ है तो उसमें चलते समय सीट बेल्ट लगाना जरूरी है।

रोड सेफ्टी के लिए सख्ती
कार में पिछली सीट पर बैठे यात्रियों के लिए जल्दी ही सीटबेल्ट अलर्ट की व्यवस्था शुरू की जा सकती है। रोड सेफ्टी को बढ़ाने के लिए यह उपाय किया जा रहा है। रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज मिनिस्टर नितिन गडकरी ने यह बात कही थी। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। यह हादसा महाराष्ट्र के पालघर जिले में नेशनल हाइवे पर हुआ था। इसके बाद ही सरकार ने पिछली सीट पर बैठे लोगों के लिए सीटबेल्ट अलर्ट की व्यवस्था शुरू करने का फैसला लिया है।

रोजाना 426 की मौत
नेशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों की मानें तो पिछले साल देश में सड़क दुर्घटनाओं में रेकॉर्ड 1.55 लाख से अधिक लोग मारे गए। रोजाना करीब 426 लोग यानी हर घंटे 18 लोग सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवा देते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा सड़क हादसे नेशनल हाइवे पर होते हैं। आंकड़े बताते हैं कि देश में सड़क दुर्घटनाओं की सबसे बड़ी वजह ओवर स्पीडिंग यानी तेज रफ्तार से गाड़ी चलाना है। 

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