कोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर रमेश कुमार की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि उनके फैसले से किसी भी तरह का संविधान और कोर्ट के नियमों का उल्लंघन नहीं होगा।
बेंगलोर. कर्नाटक सरकार के 15 बागी विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की बेंच ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा- विधायकों को फ्लोर टेस्ट या सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही संवैधानिक संतुलन बनाए रखने की हिदायत दी है। कोर्ट का कहना- स्पीकर खुद फैसला लेने के पूर्ण तौर पर स्वतंत्र हैं। कोर्ट के फैसले के बाद स्पीकर रमेश कुमार की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि उनके फैसले से किसी भी तरह का संविधान और कोर्ट के नियमों का उल्लंघन नहीं होगा।
बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए बताया- 15 विधायक विधानसभा में हाजिर नहीं होंगे। उन्हें किसी भी तरह से सदन में उपस्थित होने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। वहीं कोर्ट के फैसले के बाद अगर सदन में बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए शामिल नहीं होते हैं तो कुमारस्वामी सरकार को बचे हुए बाकि 207 विधायकों के जरिए बहुमत साबित करना होगा।
गिर सकती है सरकार
कांग्रेस - जेडीएस गठबंधन की सरकार के 16 विधायक अपना इस्तीफा दे चुके हैं। इस्तीफे पर जब कोई फैसला नहीं हुआ तो विधायक सुप्रीम कोर्ट चले गए थे। अब कोर्ट के आदेश के बाद कुमारस्वामी सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। गुरुवार को सरकार सदन में विश्वास मत साबित करेगी। अगर बागी विधायक सदन की कार्रवाई का हिस्सा नहीं बनते हैं, तो सरकार अल्पमत में आ जाएगी।
फैसले से क्या होगा असर
विधानसभा में स्पीकर को छोड़कर विधायकों की संख्या 223 है। बहुमत के लिए 112 विधायक का समर्थन जरूरी। कुमारस्वामी के पास अभी 116 विधायक हैं, जिसमें कांग्रेस के 78, जेडीएस 37 और बसपा के 1 विधायक शामिल हैं। सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। सरकार के पास 100 का आंकड़ा होगा। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। पार्टी को दो निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन मिला हुआ है। स्पीकर बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो, विश्वास मत साबित करने के लिए सरकार को बहुमत के लिए 104 विधायक चाहिए होंगे। अगर सरकार नाकाम रही तो अल्पमत में आ जाएगी।
इस्तीफा दें कुमारस्वामी
पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कुमार स्वामी से इस्तीफा देने की मांग की है। उन्होंने कोर्ट के फैसले को विधायकों की जीत बताया है।