पोर्ट से रेस्क्यू कराए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंपा दिया गया है। यह कमेटी इन बच्चों के रहने, खाने और एक बेहतर भविष्य के लिए पढ़ाई आदि की व्यवस्था कराएगी। विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह नाबालिग बच्चों को काम कराने का गैंग सक्रिय रहता है। यह गैंग बच्चों को बाद में अवैध धंधों में धकेल देता है।
Malpe port rescue operation: बच्चों की तस्करी में लिप्त एक बड़े गैंग का पर्दाफाश उडुपी में किया गया है। इन दरिदों के चंगुल से जिला प्रशासन ने 16 बच्चों को भी सेफ बाहर निकाला है। 16 बच्चों में 11 लड़कियां थीं। इन बच्चों से पोर्ट पर काम कराया जा रहा था। माना जा रहा है कि यह बच्चे इसी तरह काम करते करते अवैध धंधे की ओर रूख कर लेते हैं। अब जिला प्रशासन ने बच्चों के बेहतर कल के लिए व्यवस्था करने में जुटा हुआ है। इन बच्चों की देखभाल के लिए व्यवस्था चाइल्ड वेलफयर कमेटी को सौंप दिया गया है।
माल्पे पोर्ट से रेस्क्यू कराया गया बच्चों को...
उडुपी के माल्पे पोर्ट में काफी अधिक संख्या में बच्चों से अवैध ढंग से काम कराया जा रहा था। सूचना के बाद जिला प्रशासन की टीम ने रेड किया। माल्पे पोर्ट पर रेड के दौरान 16 नाबालिग बच्चे काम करते हुए मिले। इनमें से 11 बच्चियां भी शामिल थीं। इन बच्चों को वहां से रेस्क्यू कराया गया। इसके बाद उनको चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंप दिया गया।
इनके पुनर्वास की व्यवस्था करेगी सरकार
पोर्ट से रेस्क्यू कराए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को सौंपा दिया गया है। यह कमेटी इन बच्चों के रहने, खाने और एक बेहतर भविष्य के लिए पढ़ाई आदि की व्यवस्था कराएगी। जिला प्रशासन की यह कमेटी लगातार रिव्यू भी करेगी। अगर इन बच्चों के परिजन चाहते हैं कि बच्चे उनके साथ रहें तो ही उनको सौंपा जाएगा। विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह नाबालिग बच्चों को काम कराने का गैंग सक्रिय रहता है। यह गैंग बच्चों को बाद में अवैध धंधों में धकेल देता है।
रेड करने वाली टीम में कौन-कौन शामिल?
बच्चों को रेस्क्यू कराने वाली टीम में बाल संरक्षण अधिकारी कुमार नाईक, लेबर अफसर कुमार, सीएमसी नागाराज, सोशल वर्कर योगेश, अंबिका, नागरिक सेवा ट्रस्ट के नित्यानंद ओलाकाडू आदि प्रमुख रूप से शामिल रहे।
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