तमिल V/s हिंदी: एक बार नारायणसामी ने कहा था-अगर वो जीते, तो तमिलों की पहचान मिटा दी जाएगी

केंद्र शासित प्रदेश प्रदेश पुडुचेरी में तमिल और हिंदी भाषा जनीति का एक बड़ा मुद्दा रहा है। 22 फरवरी को जब वी नारायणसामी की कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने सरेंडर कर दिया था, उसके बाद उनका बयान आया था। नारायणसामी ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनी, तो पुडुचेरी की पहचान मिटा दी जाएगी। उसका तमिलनाडु में विलय कर दिया जाएगा। 

Asianet News Hindi | Published : May 2, 2021 3:00 AM IST / Updated: May 02 2021, 08:33 AM IST

पुडुचेरी. केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी की वी नारायणसामी की कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने विद्रोहियों के आगे घुटने टेक दिए थे। पुडुचेरी में तमिल और हिंदी भाषा जनीति का एक बड़ा मुद्दा रहा है। जनवरी में नारायणसामी ने कहा था कि वे राज्य में हिंदी को कभी लागू नहीं होने देंगे। बता दें कि पुडुचेरी की मुख्य भाषा तमिल है। इसके बाद तेलुगू और अंग्रेजी बोली जाती है। दक्षिण भारत में हिंदी को लेकर कभी अच्छी भावना नहीं रही। इससे पहले  2019 में डीएमके नेता डीएम स्टालिन ने कहा था कि तमिल लोगों के खून में हिंदी के लिए कोई जगह नहीं है। तमिलों पर हिंदी थोपना मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर फेंकने जैसा है। यह विवाद दक्षिण भारत में शिक्षा नीति में हिंदी को एक अनिवार्य भाषा बनाने की कवायद से शुरू हुआ था।

आइए जानते हैं दुनिया में हिंदी आखिर है कहां?
 

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