मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि इन परियोजनाओं से 8,000 कुशल और अकुशल व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा लगभग 1,200 करोड़ रुपये के निजी निवेश की उम्मीद है।
संगरुर। पंजाब में स्थित एशिया के सबसे बड़े कंप्रेस्ड बॉयोगैस प्लांट (CBG) का कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो गया है। यह प्लांट संगरुर जिले में है। राज्य के रिन्यूवेबल एनर्जी मिनिस्टर अमन अरोड़ा ने बताया कि 33.23 टन सीबीजी प्रतिदिन की कुल क्षमता वाले संयंत्र को इस साल अप्रैल में गांव भुट्टल कलां (संगरूर) में चालू किया गया था। अब यहां कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू होने से आईओसीएल के आउटलेट को सप्लाई दी जा रही है।
किसानों को भी होगा लाभ
इसके अलावा, पेडा (पंजाब एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) ने धान की पराली और अन्य कृषि अवशेषों पर आधारित कुल क्षमता 492.58 टन प्रति दिन (टीपीडी) की 42 अतिरिक्त सीबीजी (Compressed Biogas)परियोजनाओं को भी आवंटित किया है। इससे किसानों को पराली जलाने की नौबत नहीं आएगी। वह पराली को यहां प्लांट के लिए दे सकेंगे। इससे पराली जलाने से रोकने के लिए एक स्थायी समाधान तो मिलेगा ही साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था विकसित किया जा सकेगा।
8000 से अधिक कुशल-अकुशल श्रमिकों को मिलेगा रोजगार
मंत्री अमन अरोड़ा ने कहा कि इन परियोजनाओं से 8,000 कुशल और अकुशल व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के अलावा लगभग 1,200 करोड़ रुपये के निजी निवेश की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम होगा और कृषि अवशेषों से किसानों को अतिरिक्त आय प्रदान कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
पेडा के मुख्य कार्यकारी सुमीत जरंगल ने कहा कि कुल क्षमता 14.25 टन सीबीजी प्रतिदिन के दो और संयंत्र 2022-23 में पूरा होने की संभावना है। शेष परियोजनाओं के अगले तीन वर्षों के भीतर चालू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं में प्रति वर्ष 492.58 टन सीबीजी का उत्पादन करने के लिए प्रति वर्ष लगभग 16.5 लाख टन धान की पराली की खपत होगी।
इसके अलावा इन सीबीजी संयंत्रों से उप-उत्पाद के रूप में उत्पादित जैविक खाद का उपयोग जैविक खेती के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे स्थानीय संबद्ध उद्योगों को फलने-फूलने में मदद मिलेगी।
पंजाब में कृषि कचरे पर आधारित प्रोजेक्ट्स पर काम
पंजाब में कृषि-कचरे पर आधारित सीबीजी परियोजनाओं की एक बड़ी संभावना है। मंत्री ने कहा कि हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) धान के भूसे और अन्य कृषि पर आधारित प्रति दिन 100 केएल 2 जी इथेनॉल की क्षमता की एक परियोजना स्थापित कर रहा है। बठिंडा जिले में अवशेष इसे फरवरी 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से प्रति वर्ष लगभग 2 लाख टन धान की पराली की खपत होगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में 10-10 टीपीडी की क्षमता वाली लगभग 300 और परियोजनाएं स्थापित की जा सकती हैं।
इन्वेस्ट पंजाब के तहत मिल रही राहत
इसके लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य की नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत 'इन्वेस्ट पंजाब' के माध्यम से स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क में छूट, भूमि उपयोग परिवर्तन एवं बाह्य विकास प्रभार एवं वन स्टॉप क्लीयरेंस सिस्टम सहित विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।
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